राहुल गाँधी को कल 2 साल की सजा के ऐलान के बाद आज उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है। इसके बाद देश की सियासत में मानो भूचाल आ गया है। लोकसभा की सदस्यता के लिए राहुल गाँधी के अयोग्य घोषित होने के बाद कांग्रेस ने कहा कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। बता दें कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गाँधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गाँधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।
राहुल गाँधी अपील करने के लिए स्वतंत्र – पी. डी. टी. आचारी
लोकसभा के पूर्व महासचिव व संविधान विशेषज्ञ पी. डी. टी. आचारी ने कहा कि सजा का ऐलान होने के साथ ही अयोग्यता प्रभावी हो जाती है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी अपील करने के लिए स्वतंत्र हैं और अगर अपीलीय अदालत दोष सिद्धि और सजा पर रोक लगा देती है, तो अयोग्यता भी निलंबित हो जाएगी। आचारी ने कहा, ‘(अगर वह अयोग्य घोषित कर दिए गए तो) अयोग्यता आठ साल की अवधि के लिए होगी। उन्होंने कहा कि अयोग्य घोषित किया गया व्यक्ति न तो चुनाव लड़ सकता है और न ही उस समयावधि में मतदान कर सकता है।
राहुल गाँधी की सदस्यता खत्म होने पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे
राहुल की सदस्यता खत्म होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का सबसे पहले रिएक्शन आया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने आज पांच बजे कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
जिसमें इस लड़ाई को आगे ले जाने की रणनीति तय करेंगे। खरगे ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। राहुल को जानबूझकर सदन से बाहर किया गया है। खरगे ने कहा कि ये किसी समाज के संबंध में नहीं है जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे ? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गाँधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है।
प्रतिशोध ले रही है सरकार – अधीर रंजन
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गाँधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गाँधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल का मुंह बंद करना होगा। क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो बीजेपी सरकार से बाहर हो जाएगी।
कांग्रेस बोली – भारतीय लोकतंत्र ओम शांति
वहीं इस पर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है। राहुल गाँधी की सदस्यता खत्म किए जाने पर कांग्रेस ने कहा: “भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।”
असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है सरकार – अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राहुल गाँधी को मिली सजा पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता बीजेपी ने ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गाँधी की सदस्यता गई है। ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।
स्पीकर ने सही फैसला लिया- अठावले
राहुल की सदस्यता जाने पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं। सूरत ज़िला अदालत के फैसले के बाद ये निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है।
जानने बीजेपी नेताओं ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा कि हमारे देश में कानून का राज चलता है, ये कोर्ट का फैसला है। इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। वहीं केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि राहुल गाँधी सोचते थे कि देश के संविधान और कानून से वे ऊपर हैं। सूरत की अदालत के फैसले के बाद स्पीकर ने ये निर्णय लिया है।
क्या है कानून ?
बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गाँधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गाँधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा।
क्या है मामला, जिसमें राहुल को सुनाई गई सजा ?
2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गाँधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है ? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी।
जज ने लगाई थी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने राहुल गाँधी को मानहानि और उसकी सजा से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार देकर सजा सुनाने के बाद उन्हें जमानत देते हुए उनकी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक लगा दी थी। ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें।
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