जम्मू-कश्मीर में अरसे बाद खुले सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कश्मीर घाटी में सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स पर फिल्म देखने का इंतजार अब खत्म हो गया है। श्रीनगर के सोनमर्ग में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया। कश्मीर के पहले मल्टीप्लेक्स में 520 सीटों की कुल क्षमता वाले तीन सिनेमाघर होंगे। स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परिसर में एक फूड कोर्ट भी होगा। आईनॉक्स द्वारा संचालित मल्टीप्लेक्स का निर्धारित उद्घाटन ऐसे समय किया जा रहा है |
हाल में ही जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलवामा और शोपियां जिलों में एक-एक बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया था | उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मौके को ऐतिहासिक बताते हुए पुलवामा में कहा था कि हम जल्द ही जम्मू-कश्मीर के हर जिले में ऐसे बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स बनाएंगे | उन्होंने कहा था कि अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपुरा, गांदेरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में जल्द ही सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया जाएगा |
करीब तीन दशकों के बाद कश्मीर की घाटी में सिनेमाई रौनक लौट आई है। सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वे दिवंगत अभिनेता शम्मी कपूर को इस अवसर पर श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विज्ञान अगर खोज है, तो कला उसकी अभिव्यक्ति है। जिन्हें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने इसके विपरीत किया, लेकिन अब समय बदल रहा है।
तीन दशकों बाद खुले सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स
सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स तीन दशकों के बाद फिर से खुल रहे हैं | 1989-90 में आतंकवादियों द्वारा धमकियों और हमलों की वजह से थिएटर मालिकों ने घाटी में सिनेमा हाल बंद कर दिए थे | 1990 में आतंकी संगठनों की धमकियों और हमलों के कारण सभी सिनेमा हॉल बंद हो गए थे। जानकार बताते हैं कि आतंकवाद के दौर में घाटी में एक-एक कर 19 सिनेमा हॉल बंद हो गए थे। अधिकारियों ने 1990 के दशक के अंत में कुछ थिएटरों को फिर से खोलने की कोशिश की | लेकिन सितंबर 1999 में लाल चौक के बीच में रीगल सिनेमा पर आतंकवादियों द्वारा किए गए घातक ग्रेनेड हमले के चलते अधिकारियों की कोशिशें की वजह से नाकाम हो गईं | इस हमले में एक व्यक्ति की मौत भी हुई |
बड़े पर्दे पर फिल्म देखने 300 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था
कश्मीर में सिनेमा हॉल बंद हो जाने की वजह से कुछ समय पहले तक कई युवा ऐसे भी हैं | जिनको पता भी नहीं है कि सिनेमा हॉल कैसा होता है और मल्टीप्लेक्स क्या है। हालांकि, यहां के युवाओं को 300 किमी दूर जम्मू आकर फिल्म देखने के अपने सपने को पूरा करना पड़ता था। घाटी के युवा जो बाहर पढ़ रहे थे या फिर रोजी-रोजगार के सिलसिले में निकले थे | वे ही रुपहले पर्दे का आनंद ले पाए | अन्यथा घर पर टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये ही वे अपने शौक पूरे करने को मजबूर थे।
असदुद्दीन ओवैसी ने किया ट्वीट
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को यह कदम रास नहीं आ रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिले में बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया | तो श्रीनगर में जामिया मस्जिद हर शुक्रवार को बंद क्यों थी। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया कि आपने शोपियां और पुलवामा में सिनेमा हॉल खोले हैं। लेकिन श्रीनगर जामिया मस्जिद हर शुक्रवार को बंद क्यों रहती है ? कम से कम दोपहर के मैटिनी शो के दौरान इसे खोलने का आदेश दें।
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