झारखंड में पिछले कुछ दिनों से सियासी उठापटक जारी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को सेकर अबतक सस्पेंस बना हुआ है। विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उम्मीद के अनुरूप समर्थन हासिल हुआ। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट पड़े | जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। मतदान के दौरान बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट किया। विश्वास मत के लिए आज विधानसभा विशेष सत्र बुलाया गया। सत्र के लिए महागठबंधन सरकार के समर्थक 29 विधायकों को छह दिन बाद रविवार को रायपुर से रांची लाया गया था। विश्वास मत की कार्रवाई में राज्य के तीन कांग्रेस विधायक शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे कैश कांड में फंसे हैं। ये विधायक हैं, डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप। उन्हें हाईकोर्ट ने कोलकाता छोड़ने की इजाजत नहीं दी है।
बीजेपी ने भी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाई है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी सदन में विश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। वहीं चुनाव आयोग के मंतव्य पर राज्यपाल ने अपना निर्णय नहीं दिया है। राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली में हैं। माना जा रहा है कि राज्यपाल दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। उनके रांची लौटने पर सोरेन की विधानसभा सदस्यता का फैसला सार्वजनिक होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 48 विधायकों का समर्थन मिला
विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उम्मीद के अनुरूप समर्थन हासिल हुआ। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट पड़े। उनकी सरकार को बहुमत के लिहाज से कोई खतरा नहीं था। उन्हें अपनी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 15 (कैश कांड में लिप्त तीन विधायकों को छोड़कर), राजद, भाकपा माले तथा एनसीपी के एक-एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, विश्वास प्रस्ताव पारित होने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर आया संकट दूर होने की उम्मीद कम है। क्योंकि इससे संबंधित चुनाव आयोग की सिफारिश पर फैसला राज्यपाल रमेश बैस को करना है।
चुनाव आयोग ने राज्यपाल को भेजी सिफारिश
दरअसल, बीजेपी ने राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनके परिवार ने एक खदान की लीज हासिल करने के लिए पद का दुरुपयोग किया है, इसलिए उन्हें अयोग्य करार दिया जाए। इस शिकायत को जांच के लिए राज्यपाल ने चुनाव आयोग को भेजा था। चुनाव आयोग ने इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर उनका और शिकायतकर्ता बीजेपी का पक्ष सुनने के बाद अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है।
आदिवासी को राष्ट्रपति बनाकर, आदिवासी सीएम की कुर्सी लेना चाहते हैं
विपक्ष पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इनका चेहरा इतना भयानक और डरावना है कि कोई इन्हें पहचान नहीं सकता। अगली बार आप लोग अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। इन्हें करना-धरना कुछ नहीं है। इन्हें लूटकर खाने की आदत हैं। फसल लगाएगा कोई और खाएंगे ये। ये आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनना चाहते हैं। इनके मुंह में राम और बगल में छुरी है। हमने किसानों की कर्जमाफी की, कई जिलों में सुखाड़ है। हम किसानों के लिए जल्द एक बेहतर योजना लाने वाले हैं।
विधानसभा की दलीय स्थिति
कुल सीटें 81,
बहुमत 42,
झामुमो 30,
कांग्रेस 15,
बीजेपी 26,
आजसू 2,
निर्दलीय 2
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