Saturday, April 19, 2025
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने महत्वाकांक्षी योजना दुआरे राशन को बताया गैरकानूनी

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना दुआरे राशन को गैरकानूनी करार दिया है। ममता बनर्जी ने पिछले साल इस योजना की शुरुआत की थी। कलकत्ता हाई कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका लगा है। हाई कोर्ट ने नेशनल फूड सिक्योरिटी ऐक्ट के तहत ममता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘दुआरे राशन’ को गैरकानूनी करार दिया है। एक साल पहले ममता बनर्जी ने इस योजना का उद्घाटन किया था जिसके राशन कार्ड धारकों के घर पर ही राशन की डिलिवरी की जाती थी।

ममता सरकार का दावा था कि इस योजना का लाभ 10 करोड़ लगों को मिलेगा और घंटों तक राशन की लइन में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। 11 सितंबर को ही इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। विधानसभा चुनाव से पहले भी टीएमसी ने इस योजना को अपने घोषणापत्र में शामिल किया था। हालांकि कुछ राशन डीलरोंने इसे कानून के खिलाफ बताया था और अदालत का रुख किया था। डीलरों का कहना था कि यह योजना कानून के विपरीत है। क्योंकि इस योजना के लिए राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं नहीं हैं।

ममता सरकार की तरफ से कहा गया था कि डीलरों को वाहन ले जाकर एक जगह खड़ा करना होगा और 500 मीटर के दायरे में आए वाले घरों में वितरण करना होगा। वहीं जो कर्मचारी इसमें लगेंगे उनकी आधी सैलरी राज्य सरकार देगी।

160 करोड़ रुपये दुआरे योजना पर होने थे खर्च

ममता सरकार ने इस योजना को लॉन्च करते वक्त कहा था कि इस योजना पर सरकार 160 करोड़ रुपये खर्च करेगी। लोगों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर वाहन खरीदने के लिए लगभग 21,000 राशन डीलर को एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। योजना के जरिए 10 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का सरकार का लक्ष्य था। सरकार का कहना था कि इससे 42 हजार नौकरियां सृजित होंगी।

नवंबर 2021 में हुई थी दुआरे राशन योजना की शुरुआत

नवंबर 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘दुआरे राशन योजना’ का उद्घाटन करते हुए कहा था कि इससे राज्य के लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा. ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत डीलर लाभार्थियों के घर तक राशन पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा था कि सरकार इस तरह से लोगों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर वाहन खरीदने के लिए लगभग 21,000 राशन डीलर को एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

पहले हाईकोर्ट ने कुछ और कहा था

हाईकोर्ट ने अपने लेटेस्ट आदेश में भले ही दुआरे राशन योजना को अवैध करार दिया हो | मगर इसी साल जून में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बंगाल दुआरे राशन योजना में कुछ भी अवैध नहीं है | जिसके तहत ममता बनर्जी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर खाद्यान्न वितरित करती है | राज्य सरकार की दुआरे राशन योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने कहा था कि पहले भी इसी तरह के मुद्दे पर राशन दुकान विक्रेताओं ने याचिका दायर की थी | लेकिन उच्च न्यायालय ने तब भी दुआरे राशन योजना में हस्तक्षेप नहीं किया था |

याचिका में क्या मांग की गई थी

हाईकोर्ट के समक्ष दायर एक रिट आवेदन में आग्रह किया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर, 2021 को जारी की गई उस अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया जाए | जिसमें पश्चिम बंगाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (रख रखाव और नियंत्रण) आदेश, 2013 के एक प्रावधान में संशोधन किया गया था |

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