इंदौर में मंदिर हादसे के बाद प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। पटेल नगर के श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर के अवैध निर्माण को आज तोड़ने की कारवाई की गई है। नगर निगम की टीम ने बुलडोजर लेकर अवैध निर्माण को ढहाया। इस कार्रवाई में 5 पोकलेन मशीन लगी थीं और जिला प्रशासन पुलिस विभाग सहित नगर निगम के 250 से अधिक अधिकारी ओर कर्मचारियों ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
मंदिर तोड़ने का बजरंग दल कार्यकर्ता विरोध करने पहुंचे, लेकिन नगर निगम की कार्रवाई प्रभावित नहीं हुई। मौके पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई। बता दें कि रामनवमी के दिन के मंदिर की बावड़ी में हुए हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़े निर्देश के बाद सोमवार की सुबह पटेल नगर के निर्माणाधीन मंदिर और बावड़ी पर कार्रवाई की गई जिसमें भारी पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने निर्माणाधीन मंदिर के हिस्से को तोड़ने के साथ पुराने मंदिरों से मूर्तियों की शिफ्टिंग कर दी। रविवार को ही मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को दो टूक कहा था कि इंदौर जैसी घटना अब कहीं नहीं होना चाहिए।
बावड़ी को मंदिर से निकले मलबे से भरा
श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी को मलबे से भर दिया गया है, जहां रामनवमी पर हुए हादसे में 36 लोगों की मौत हुई थी। नगर निगम ने उसका नामो-निशान मिटा दिया है। बावड़ी के ऊपर बने अवैध मंदिर को भी तोड़ दिया गया है। इसके अलावा नए मंदिर के ढांचे को भी जेसीबी और पोकलेन की मदद से तोड़ा गया। अवैध निर्माण तोड़ने से जो मलबा निकला, उससे बावड़ी को बंद कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि बावड़ी में दरारें होने से उसका सरंक्षण संभव नहीं है। इस वजह से उसे भरने का ही फैसला लिया गया।
मंदिर की मूर्तियां बावड़ी के दूसरी तरफ रखी थी
पटेल नगर उद्यान का अवैध निर्माण तोड़ने के लिए नगर निगम का अमला सुबह पांच बजे मौके पर पहुंचा। 50 से ज्यादा मजदूर, तीन जेसीबी और एक पोकलेन मशीन की मदद से सुबह कार्रवाई शुरू की गई। पटेल नगर की तरफ जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए और अनावश्यक लोगों को नहीं आने दिया जा रहा थाा।
कार्रवाई के दौरान पुलिस बल भी तैनात था। सुबह दस बजे तक नए मंदिर के निर्माण को आधा तोड़ा जा चुका था। कार्रवाई शुरू होने से पहले बेलेश्वर मंदिर की मूर्तियों को सम्मान के साथ शिफ्ट किया गया। मूर्तियां बावड़ी के दूसरी तरफ रखी थी, वहां तक जानेे के लिए क्रेन और झूले की मदद ली गई। झूले में ही मूर्तियों को रखकर लाया गया।
ढक्कनवाला कुआं का भी अतिक्रमण तोड़ा
नगर निगम ने पटेल नगर के अलावा ढक्कनवाला कुआं से भी अतिक्रमण हटाया। इस बावड़ी पर भी एक समुदाय धार्मिक पूजा करता था। इसके अलावा सुखलिया ग्राम और गाड़राखेड़ी में भी बावड़ी से अतिक्रमण हटाए गए।
रविवार रात ही चस्पा किया गया था नोटिस
जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात 12 बजे ही प्रशासन की तरफ से नोटिस चिपकाया गया था और जेसीबी मंगा लिए गए थे। फिर सोमवार की सुबह 6 बजे कारवाई शुरू कर दी गई। हर घर के आगे पुलिस मौजूद रही। पहले निर्माणाधीन मंदिर की दीवारें तोड़ी गई और फिर आम बावडी वाले मंदिर से मूर्तियों को सम्मान के साथ हटाया गया है।
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