डिजिटल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र को लाखों घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए एक समान बिल्डर-खरीदार समझौता करना होगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है। घर खरीदार अक्सर बिल्डरों द्वारा किए गए अनुबंधों में प्रावधानों से पीछे रह जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट क्षेत्र में मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौतों और एजेंट-खरीदार समझौतों में प्रवेश करने के लिए केंद्र को नोटिस जारी किया है। इसे रेरा एक्ट के तहत बनाया जाना बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर इसके जरिए घर/फ्लैट खरीदारों को परेशान नहीं कर सकेंगे। दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एक बार जब केंद्र एक मॉडल खरीदार-निर्माता समझौता करता है, तो सुप्रीम कोर्ट राज्यों को इसका पालन करने के लिए कहेगा।
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क्या होगा फायदा
विशेषज्ञों के मुताबिक, रेरा के तहत कोई सटीक मॉडल उपलब्ध नहीं है। कई राज्यों में मॉडल समझौते पहले से मौजूद हैं। मॉडल बिल्डर-क्रेता समझौता और मॉडल एजेंट-क्रेता समझौता रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाएगा और फ्लैट खरीदारों को धोखाधड़ी का सामना नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में कई रियल एस्टेट सौदे एकतरफा और मनमाने हैं। ये सौदे फ्लैट खरीदारों के हितों की अनदेखी करने वाले हैं। रेरा एक्ट, 2016 के तहत उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जानी चाहिए।

