अवैध कब्जेदारों के साथ दिखे भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी

अवैध कब्जेदारों के साथ दिखे भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी
अवैध कब्जेदारों के साथ दिखे भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी

 डिजिटल डेस्क : सिंचाई विभाग की जमीन पर किए गए अवैध कब्जों को बचाने के लिए भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी फिर खड़े हो गए हैं। इस बार उन्होंने सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से ध्वस्तीकरण का अभियान रोकने की गुहार लगाई है। इसके पक्ष में उन्होंने तर्क दिया है कि सिंचाई विभाग की जमीन पर रहने वाले लोग वहां 30-40 साल से रह रहे हैं और इस तरह की कार्रवाई नियम के विरुद्ध है। भाजपा विधायक ने सीएम योगी आदित्यनाथ के उन निर्देशों का हवाला भी दिया है जिसमें उन्होंने गरीब का आशियाना न उजाड़े जाने की बात कही थी।विधायक का तर्क है कि पिछले 30-40 साल से कई-कई पीढ़ियों के लोगों ने अपने निवास बनाएं। उनके निवास ही नहीं, बल्कि पूरी की पूरी बस्ती सरकारी योजना के अनुरूप मलिन बस्ती के रूप में घोषित की गई की थी। कुछ अघोषित है जिन्हें भी घोषित कर देना चाहिए।

भाजपा सरकार के करोड़ों रुपए हो जाएंगे बर्बाद

मैथानी ने कहा कि इन बस्तियों के विकास में सरकार के करोड़ों रुपए भी लगे हैं। जनप्रतिनिधियों ने अपनी विधायक निधि के करोड़ों रुपए इन बस्तियों में लगाए हैं जिनमें सीवर लाइन, पेयजल, मार्ग प्रकाश, हैंडपंप, बिजली के कनेक्शन, शौचालय, राशन कार्ड, आधार कार्ड, 5-5 लाख का बीमा सहित तमाम सरकारी योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया है। ऐसे में इन्हें उनकी बस्तियों के मकानों के साथ स्वामित्व भी दे दिया जाना चाहिए।

सीएम के निर्देशों का दिया हवाला

विधायक ने कहा कि नहर विभाग के पेयजल व सिंचाई के लिए नहर को चौड़ीकरण के समर्थक है l इसके लिए जनता के साथ मिलकर सहयोग करेंगे लेकिन किसी गरीब की झोपड़ी को तोड़े जाने के विरोध में खड़े रहेंगे l विधायक ने मुख्यमंत्री के निर्देश को दोहराया कि किसी गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर नहीं चलेगा। सिंचाई विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई अनुचित है.

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कच्ची नहर को पक्का करने की मांग

भाजपा विधायक ने मंत्री से लिखित पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि सीटीआई से नहर कोठी तक कच्ची नहर को पक्का कर गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जाए। इससे अधिक फोर्स के साथ यहां से पानी छोड़ने में सिंचाई विभाग को सुविधा होगी और किसानों को सिंचाई के लिए डेढ़ सौ किलोमीटर दूर तक पानी पहुंचने में सुविधा होगी। साथ ही शहरवासियों को भी पेयजल में संकट से जूझना नहीं पड़ेगा।