Thursday, November 21, 2024
Homedelhiसाल के पहले ही दिन शुरू हुआ बड़ा आंदोलन, लाखों जैन समाज...

साल के पहले ही दिन शुरू हुआ बड़ा आंदोलन, लाखों जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरे

साल 2023 के पहले ही दिन साल के पहले बड़े आंदोलन की तस्वीर आ गई है। देशभर में लाखों की तादाद में जैन समाज के लोग सड़क पर उतर गए हैं। हाथों में तख्तियां हैं और जुबान पर नारे हैं। ये लोग जैन मुनियों का नाम के जयकारे लग रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हर छोटे-बड़े शहर में ऐसी ही तस्वीर दिख रही है। जैन समाज ”श्री सम्मेद शिखर तीर्थ” को टूरिस्ट प्लेस बनाने और शत्रुंजय पर्वत पर भगवन आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

उनकी मांग है कि सम्मेद शिखर को टूरिस्ट सेंटर ना बनाया जाए। साथ ही आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। शत्रुंजय पर्वत पालीताणा में है और सम्मेद शिखर के बाद जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है।

कितनी संवेदनशील है यह जगह ?

फ़रवरी 2018 में झारखंड सरकार ने इसे इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की सिफारिश की थी। सौरभ जैन का कहना है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने इस पर शुरुआती गजट नोटिफ़िकेशन निकाला। लेकिन अख़बारों में विज्ञापन देकर इसे सार्वजनिक नहीं किया। जब भी कोई गजट नोटिफ़िकेशन आता है तो लोगों से आपत्ति मांगी जाती है। लेकिन इसके मामले में ऐसा नहीं किया गया। इसे सिर्फ वेब पोर्टल तक सीमित रखा गया। इस नोटिफिकेशन के लिए मात्र 16 पत्थर कारोबारियों से आपत्ति-सुझाव आए थे। लेकिन उनमें से कोई जैन समुदाय से नहीं था।

तीर्थस्थल जैन समाज के लिए अहम

जैन समुदाय के लोग इस पवित्र स्थल को ‘श्री सम्मेद शिखर’ कहते हैं। यह झारखंड की सबसे ऊंची चोटी पर बना हुआ है। तीर्थराज श्री सम्मेद शिखर जी जैन समुदाय के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थांकरों ने यहीं निर्वाण प्राप्त किया था। जैन धर्म से जुड़े दोनों पंथ दिगम्बर और श्वेताम्बर तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी में आस्था रखते हैं।

पवित्र स्थल घोषित किया जाए – जैन समुदाय

अनशन पर बैठे सौरभ जैन ने कहा, हमारे पवित्र स्थल को अपवित्र करने की कोशिश की जा रही है। जैन समुदाय का कहना है कि इसे पवित्र स्थल घोषित किया जाए। उस पहाड़ी इलाके में पेड़ों की कटाई और अवैध खनन भी हो रहा है। उस पर भी रोक लगाई जाए। अपनी इस मांग को लेकर जैन धर्म के अनुयायी मध्यप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में सरकार के इस क़दम का विरोध करते हुए शांति मार्च निकाल रहे हैं।

दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में निकाली महारैली

दिल्ली में जैन समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में रैली निकली है। हज़ारों की भीड़ इंडिया गेट पर पहुंच गई है। उनके हाथों में झंडे और पोस्टर बैनर हैं। महारैली को रोकने के लिए पुलिस को बैरिकेड लगाने पड़े हैं। लेकिन फिर भी लोग बैरिकेड पर चढ़ कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। वहीं मुंबई में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली है। वहां सड़क पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने तीर्थस्थल को टूरिस्ट प्लेस बनाने के ख़िलाफ़ हज़ारों की भीड़ रोड पर आ गई है।

ऐसा लगता है जैसे मुंबई में रहने वाले हर जैन परिवार से कोई ना कोई सदस्य इस महारैली में शामिल होने निकल पड़ा है। इसके अलावा पहली बार अहमदाबाद की सड़क पर एक लाख लोग जैन समाज के लोगों ने अपना शक्ति-प्रदर्शन किया। एक लाख लोगों ने दस किलोमीटर तक मार्च निकाला। हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि जैन समाज कम है कमजोर नहीं है। बड़ी बात ये रही कि रैली के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी की मां हीरा बा की फोटो रखी थी।

प्रगति मैदान से इंडिया गेट तक मार्च

दिल्ली में जैन समाज के हजारों लोग प्रगति मैदान में इकट्ठे हुए और इंडिया गेट तक मार्च किया। जैन समाज के लोगों का कहना है कि वह झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति भवन में ज्ञापन देंगे। जैन समाज के लोगों का मानना है कि फैसले से सम्मेद शिखर को नुकसान होगा और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

read more : छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा , एफआईआर दर्ज

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments