Thursday, November 21, 2024
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हो जाइए सावधान, कोरोना से कई गुना खतरनाक है निपाह वायरस

केरल में सामने आ रहे निपाह वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जोकि काफी डराने वाले हैं। आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने बताया है कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक (40 से 70 प्रतिशत के बीच) है। जबकि कोविड के मामले में मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि निपाह के प्रकोप को रोकने की कोशिशें जारी हैं। सभी संक्रमित व्यक्ति ‘इंडेक्स पेशेंट (पहला संक्रमित मरीज)’ के संपर्क में आए थे।

आईसीएमआर डीजी राजीव बहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”हमारे पास केवल 10 रोगियों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी खुराक हैं; अब तक किसी को भी नहीं दी गई है। भारत ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक मांगी है, संक्रमण के प्रारंभिक चरण के दौरान दवा दी जानी चाहिए। इससे पहले, केरल के कोझिकोड जिले में 39 वर्षीय एक व्यक्ति के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति एक संक्रमित मरीज के सीधे संपर्क में आया था जिसकी 30 अगस्त को संक्रमण से मृत्यु हो गई थी। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यह जानकारी दी।

संपर्क में आए सभी की होगी जांच – स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ”इसलिए, हमने उन सभी लोगों की जांच करने का निर्णय लिया है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और उनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है, भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं हों। वर्तमान में हमारे पास कोझिकोड में दो अतिरिक्त केंद्र हैं। हमारे पास राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) से एक मोबाइल लैब हैं, दो मशीनें हैं जो एक समय में 96 नमूनों की जांच कर सकती हैं।

नियम के मुताबिक केवल उन्हीं लोगों के नमूनों की जांच की जा सकती है जिनमें लक्षण दिखें। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ”लेकिन यहां हमने उन सभी लोगों के नमूनों की जांच करने का फैसला किया है जो उच्च जोखिम वाली श्रेणी के संपर्क हैं। हमारे पास आरजीसीबी से मोबाइल लैब और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब है।

इलाज के लिए एक निजी अस्पताल की उठी मांग

उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने उन सभी लोगों की जांच का फैसला किया जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और जिनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने कहा कि एक व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल में इलाज की मांग की थी। बैठक में जॉर्ज के अलावा मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास, अहमद देवरकोविल और ए. के. शशिंद्रन ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जॉर्ज ने कहा कि वायरस से संक्रमित नौ साल का लड़का वेंटिलेटर सपोर्ट पर है, उसके अलावा प्रभावित अन्य लोगों की स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि उपचाराधीन मरीज उस व्यक्ति से संक्रमित हुआ था जिसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई थी।

निपाह वायरस को लेकर कर्नाटक सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश

वहीं, केरल में निपाह वायरस से संक्रमण के मामले सामने आने पर कर्नाटक सरकार ने कुछ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये हैं जिनमें पड़ोसी राज्य के प्रभावित जिलों की अनावश्यक यात्रा से बचना और सीमावर्ती जिलों में बुखार की निगरानी तेज करना शामिल है। प्रदेश सरकार की ओर से सुझाए गए उपायों में स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना और संदिग्ध मरीजों को पृथकवास में रखने के लिए जिला अस्पतालों में बिस्तर तैयार रखना शामिल है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष आयुक्तालय ने 14 सितंबर को जारी परिपत्र (सर्कुलर) में कहा, ”केरल राज्य के कोझीकोड जिले में दो लोगों की मौत के साथ अब तक निपाह वायरस से संक्रमण के चार मामले सामने आने के मद्देनजर, संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केरल की सीमा से लगे जिलों में निगरानी गतिविधियों को तेज करने की जरूरत है।

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