Assam Aur Mizoram Me Zameen Vivad Ke Karan Hui Hinsa Me Police Ke 6 Jawan Hue Shaheed ‘ Janiye Kya Hai Poora Mamla
असम और मिजोरम में सोमवार को एक भूमि विवाद ने भीषण हिंसा का रूप ले लिया जिसमें असम पुलिस के 6 जवान शहीद होने की खबर सामने आई है जानकारी के मुताबिक इस विवाद का इतिहास पुराना है बता दें कि उपनिवेशवादी काल के दौरान मिजोरम असम का एक जिला हुआ करता था जिसे लुशाइ हिल्स के नाम से जाना जाता था
मिजोरम राज्य अधिनियम 1986 के जरिए साल 1987 में मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था इसके साथ ही साल 1950 में असम भारत का संवैधानिक राज्य बन गया था और 1960 व 1970 की दशक की शुरुआत में नए राज्य बनने से इसके पास से भूमि का बड़ा हिस्सा निकल गया असम का हिस्सा तब नागालैंड अरुणाचल प्रदेश मेघालय और मिजोरम हुआ करते थे
यह चार राज्य असम से अलग होकर नॉर्थ ईस्टर्न एरिया अधिनियम 1971 के तहत अस्तित्व में आए जो पहाड़ों जंगलों घाटियों और नदियों आदि के साथ बदलती रहती हैं इसी औपचारिक काल से ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद चल रहा है बता दें कि असम मिजोरम सीमा विवाद ब्रिटिश काल के तहत पारित दो अधिसूचना से उपजा है
विवाद की असल शुरुआत
बता दें कि साल 1830 तक कछार एक स्वतंत्र राज्य हुआ करता था यहां के राजा की मौत 1932 में हो गई थी बता दें कि इस राज्य पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ के तहत राजा का कोई उत्तराधिकारी ना होने की वजह से अपने नियंत्रण में लिया था इसी नियमानुसार किसी राजा की मौत के बगैर उत्तराधिकारी के होने पर राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिला दिया जाता था
बता दें कि अंग्रेजों की योजना लुशाई हिल्स में चाय बागान उगाने की थी हालांकि स्थानीय ऐसा नहीं करना चाहते थे इसके बावजूद उन्होंने ब्रिटिश इलाकों में सेंधमारी करने शुरू कर दी इसके दौरान अंग्रेजों ने 1975 में इनर लाइन रेगुलेशन लागू कर दिया जिसके बाद असम में आई एल आर के जरिए पहाड़ी और आदिवासी इलाकों को अलग किया गया बता दें कि मिजो आदिवासी इसके समर्थन में थे क्योंकि उन्हें लगता था
कि इससे उनकी जमीन पर कोई जबरन कब्जा नहीं कर सकेगा लेकिन अंग्रेजों ने 1933 में कछार और लुशाई हिल्स के बीच एक औपचारिक सीमा रेखा खींच दी जिसमें मिजो आदिवासियों को शामिल नहीं किया गया जिसके चलते उन्होंने विरोध किया, उनकी मांग ILR को फिर से लागू करने की थी बता दें कि सीमा को लेकर यह विवाद अब तक चला आ रहा है सालों से जिसका समाधान नहीं हो पा रहा है
कब्जे का आरोप कितनी जमीनों पर है?
विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक बराक घाटी क्षेत्र में स्थित 3 जिलों में 1777.58 हेक्टेयर जमीन पर मिजोरम के निवासियों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था जिसमें से 1000 हेक्टेयर हैलाकंदी में 400 हेक्टेयर में और 377.58 हेक्टेयर करीमगंज में जमीन पर कब्जा होने की जानकारी सरकार ने दी थी वही बीती 16 जुलाई को मिजोरम ने आरोप लगाया था कि उसकी जमीन पर असम अपना दावा कर रहा है बता दें कि दोनों राज्यों के बीच इन विवादों को सुलझाने के लिए कुछ समझौते भी हुए हैं लेकिन उनका कोई अच्छा परिणाम नहीं निकल पाया है
यहां से हुई वर्तमान विवाद की शुरुआत
जून के अंत से असम मिजोरम सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है जब असम की पुलिस ने एतलांग हनार नामक इलाके को कथित तौर पर अपने नियंत्रण में लिया था उस वक्त असम पर मिजोरम ने अतिक्रमण का आरोप लगाया था
बता दें कि मिजोरम के 3 जिले असम के कछार करीमगंज और हेलाकांडी जिलों से करीब 164.4 किमी की सीमा साझा करते हैं इसके अलावा मिजोरम ने 30 जून को आरोप लगाया था कि असम ने कोलासिब में अतिक्रमण किया है हालांकि असम के अधिकारियों का आरोप है कि हेला कांडी में मिजोरम ने 10 किमी अंदर पान खेती शुरू की है और इमारते बनाई है
Written By : Geeta
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