Friday, July 18, 2025
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पायलट को गलत बताने वाली रिपोर्ट पर भड़का इंडियन पायलट फेडरेशन

अहमदाबाद विमान हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराने वाली रिपोर्ट पर फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने नाराजगी जताई है। संगठन के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने गुरुवार को इस मीडिया रिपोर्ट की आलोचना की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पिछले महीने अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के कैप्टन ने जानबूझकर इंजन का ईंधन बंद कर दिया था। कैप्टन रंधावा ने इन दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और मीडिया संस्थान के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।

कैप्टन सी.एस. रंधावा ने इस बात पर जोर दिया कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि किसी पायलट ने इंजन तक तेल पहुंचाने वाला स्विच बंद किया था। कैप्टन सीएस रंधावा ने बताया, “रिपोर्ट में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि पायलट की गलती के कारण ईंधन नियंत्रण स्विच बंद हो गया था। मैं इस लेख की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि यह पायलट की गलती थी। उन्होंने रिपोर्ट ठीक से नहीं पढ़ी है और हम उनके खिलाफ एफआईपी के माध्यम से कार्रवाई करेंगे।

लोगों से शुरुआती रिपोर्ट पर बयान न देने की अपील

कैप्टन रंधावा ने लोगों से एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर टिप्पणी न करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे हवाई यात्रा के बारे में यात्रियों में भय पैदा हो सकता है। कैप्टन रंधावा ने कहा, “हमने कल एक बयान जारी किया था कि किसी भी चैनल, टिप्पणीकार या किसी भी एजेंसी के अध्यक्ष को ऐसी राय नहीं देनी चाहिए, जिसका कोई आधार न हो। विस्तृत रिपोर्ट में समय लगेगा। तब तक लोग बिना किसी आधार के अपनी राय दे रहे हैं, जो सही नहीं है।

2019 की घटना का जिक्र किया

कैप्टन रंधावा ने कहा, “न तो रिपोर्ट और न ही नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा है कि यह पायलट की गलती थी। आपको इसे एएनए एनएच 985 की घटना से जोड़ना चाहिए, जो 17 जनवरी, 2019 को हुई थी। लैंडिंग के समय, जब पायलट ने थ्रस्ट रिवर्सर्स का उपयोग किया, तो पायलट के ईंधन नियंत्रण स्विच को हिलाए बिना ही दोनों इंजन बंद हो गए। मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि टीसीएमए (थ्रॉटल कंट्रोल मालफंक्शन एकोमोडेशन) में दोबारा गड़बड़ी हुई है। इसके लिए टीसीएमए की गहन जांच की जरूरत है। बोइंग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है और यह निर्देश जारी करने की भी कोशिश नहीं की है कि इन सभी विमानों की टीसीएमए कार्यों के लिए जांच की जानी चाहिए। दूसरी बात, जांच समिति में एक भी पायलट नहीं है।

जांच टीम में एक पायलट शामिल करने की मांग

कैप्टन रंधावा ने कहा कि उनका महासंघ नागरिक उड्डयन मंत्री से अनुरोध कर रहा है कि बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए तथा इस जांच बोर्ड में टाइप रेटेड विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। जो पायलट, इंजीनियर और हवाई सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। एफआईपी अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पायलट दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में से हैं। उन्होंने आगे कहा भारतीय पायलट दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में से हैं। मैंने वॉल स्ट्रीट जर्नल को अपनी राय नहीं दी। जिसने मुझसे भी संपर्क किया था। क्योंकि मैं इस अमेरिकी मीडिया के खिलाफ हूं। वे जानबूझकर इस रिपोर्ट पर अपने विचार दे रहे हैं। जबकि रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसलिए मैं वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस रिपोर्ट की कड़ी निंदा करता हूं और हम इस पर कार्रवाई करेंगे।

एफआईपी ने जताया विरोध

इससे पहले बुधवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के संबंध में प्रारंभिक निष्कर्षों और सार्वजनिक चर्चा के संबंध में “गंभीर” चिंता व्यक्त की थी। एफआईपी ने एक आधिकारिक बयान में जांच प्रक्रिया से पायलट प्रतिनिधियों को बाहर रखे जाने पर असंतोष व्यक्त किया तथा प्रारंभिक रिपोर्ट की व्याख्या और सार्वजनिक प्रस्तुति के तरीके पर आपत्ति जताई।

यह बयान रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है। जिसमें वॉल स्ट्रीट जर्नल का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के दो पायलटों के बीच कॉकपिट में हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि कैप्टन ने विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच को बंद कर दिया था।

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