Saturday, July 12, 2025
Homeदेश75 साल का मतलब रिटायर हो जाना - आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

75 साल का मतलब रिटायर हो जाना – आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की एक टिप्पणी की बहुत चर्चा हो रही है। इस टिप्पणी के बहाने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना का कहना है कि उन्होंने 75 साल में रिटायरमेंट की बात करके पीएम नरेंद्र मोदी को संकेत दिया है। मोहन भागवत के बयान का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल है। दिलचस्प तथ्य यह है कि खुद मोहन भागवत इस साल 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे और फिर 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे। ऐसे में उनके बयान को प्रधानमंत्री से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन उनकी टिप्पणी के एक हिस्से की बजाय पूरे बयान को सुनने पर पता चलता है कि जो बात वायरल हो रही है, वह उनके अपने शब्द ही नहीं हैं।

मोहन भागवत के बयान का विपक्ष उठा रहा लाभ

वहीं, दूसरी ओर विपक्ष ने मोहन भागवत की टिप्पणी को भाजपा और आरएसएस के बीच कथित मतभेद के संकेत के रूप में उछाल दिया। विपक्ष का कहना है कि बीजेपी ने हमेशा वरिष्ठ नेताओं को पीछे हटाकर युवा नेतृत्व को आगे लाने की बात कही है और अब आरएसएस भी उसी बात को याद दिला रहा है। शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक साफ संदेश है और बीजेपी और आरएसएस के बीच जो कुछ भी चल रहा है। वह उनके बयान से साफ नजर आ रहा है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जब 2014 में बीजेपी ने सरकार बनाई थी, तब 75 साल से ऊपर के सभी नेताओं को ‘मार्गदर्शक मंडली’ में डाल दिया गया था। अब 11 साल बाद आरएसएस भाजपा को उसकी वही बात को याद दिला रहा है। उनके बीच का आंतरिक टकराव अब सार्वजनिक हो चुका है। लेकिन इसका अंजाम क्या होगा, यह कोई नहीं जानता है।

वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुटकी लेते हुए कहा क्या शानदार स्वागत है। घर लौटते ही आरएसएस प्रमुख ने याद दिला दिया कि वे 17 सितंबर 2025 को 75 साल के हो जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री भी आरएसएस प्रमुख से कह सकते हैं कि वे भी 11 सितंबर, 2025 को 75 साल के हो जाएंगे। एक तीर से दो निशाने।

जाने मोहन भागवत ने क्या दिया था बयान ?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मोहन भागवत ने जो कहा वह आरएसएस के एक दिवंगत प्रचारक और सीनियर नेता मोरोपंत पिंगले की टिप्पणी थी। मोहन भागवत ने उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’ का नागपुर में विमोचन किया तो उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्सों का जिक्र करने लगे।

इसी दौरान मोहन भागवत ने 75 साल में रिटायरमेंट वाली पिंगले की बात का जिक्र किया। जिसे पीएम नरेंद्र मोदी के लिए उनकी सलाह बताया जा रहा है। मोहन भागवत ने दरअसल मोरोपंत पिंगले के 75 साल के होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनके बयान का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आपको 75 साल का होने पर शॉल ओढ़ाए जाने का मतलब है कि आपको रिटायर हो जाना चाहिए।

लोग मुझे लोग गंभीरता से नहीं ले रहे

मोरोपंत पिंगले के बयान को उद्धृत करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि वृंदावन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग थी। वहां कार्यकर्ता आ रहे थे। उसी दौरान एक कार्यक्रम में शेषाद्री जी ने कहा कि आज अपने मोरोपंत पिंगले जी के 75 साल पूरे हुए हैं औऱ इस अवसर पर उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मान करते हैं। फिर मोरोपंत पिंगले जी से बोलने का आग्रह किया गया। इस दौरान कार्यकर्ता मुस्कुरा रहे थे। मोरोपंत पिंगले खड़े हुए कहा कि मैं उठता हूं तो लोग हंसते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है कि शायद लोग मुझे लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मुझे लग रहा है कि जब मैं मर जाऊंगा तो लोग पत्थर मारकर देखेंगे कि मैं मर गया हूं या नहीं। 75 साल की शॉल जब ओढ़ी जाती है तो उसका अर्थ यह होता है कि आपने बहुत किया और अब दूसरों को मौका दिया जाए।

रामजन्मभूमि आंदोलन के रणनीतिकार थे मोरोपंत पिंगले

इसके आगे मोहन भागवत ने कहा कि मुझे मोरोपंत पिंगले जी का जिक्र करते हुए गर्व होता है। हम जो हासिल करते हैं या महिमा पाते हैं तो उससे चिपक जाते हैं। चिपकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मोरोपंत महान व्यक्ति थे, उन्होंने कभी चर्चा पाने या महत्व के लिए कार्य नहीं किया। वह रामजन्मभूमि आंदोलन के रणनीतिकार थे, लेकिन कभी आगे नहीं आए। इसकी बजाय अशोक सिंघल जी को आगे किया। भागवत ने कहा, ‘मोरोपंत पूर्ण निस्वार्थता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अनेक काम यह सोचकर किए कि यह कार्य राष्ट्र निर्माण में सहायक होगा।

मोरोपंत पिंगले की सही हुई भविष्यवाणी

आपातकाल के बाद राजनीतिक मंथन के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का हवाला देते हुए भागवत ने कहा, जब चुनाव का मुद्दा चर्चा में आया। तो मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो लगभग 276 सीटें जीती जा सकती हैं। जब नतीजे आए, तो जीती गई सीटों की संख्या 276 ही थी। फिर भी मोरोपंत पिंगले ने कभी इसका श्रेय नहीं लिया।

read more :   राधिका यादव मर्डर केस: तीन थ्योरीज़ जो बना रही हैं सवालों का तूफान

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments