स्टेट हेड – सादिक़ अली, डूंगरपुर। डूंगरपुर शहर के रेती स्टैंड पर स्थित अनीता माया ट्रावेल्स के ऑफिस के पीछे पार्क के लिए आरक्षित एवं विवादित बेशकीमती सरकारी भूमि पर एक होटल संचालक द्वारा अवैध रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसको लेकर शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में कई बार नगर परिषद आयुक्त, उपखंड अधिकारी डूंगरपुर एवं जिला प्रशासन को शिकायत की गई। वहीं उक्त मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कार्यालय, डूंगरपुर में भी विचाराधीन है। जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के द्वारा जमीन की यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश दिए थे तथा मामले में अनुसंधान जारी है। इस बीच शहर के एक होटल संचालक द्वारा उक्त विवादित एवं पार्क के लिए आरक्षित बेशकीमती सरकारी भूमि पर फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
विवादित भूमि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में है विचाराधीन
शिकायतकर्ता ने बताया कि पार्क के लिए आरक्षित एवं विवादित उक्त बेशकीमती सरकारी भूमि का प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज है। जिसमें प्रकरण संख्या 166/19 में पट्टा क्रमांक 43/2013 के भूखंड क्रमांक 1 से 34 की भूमि एवं पार्क के लिए प्रस्तावित भूमि पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सक्षम अधिकारी द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। जिसको लेकर ब्यूरो कार्यालय द्वारा प्रकरण संख्या 166/2019/812 के तहत दिनांक 22 अगस्त 2024 को एक पत्र जारी कर भूखंड संख्या 1 से 34 पर अनुसंधान किए जाने तथा पार्क के लिए आरक्षित भूमि को लेकर जांच के बारे में बताया गया है।
वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दिनांक 7 मार्च 2025 को एक पत्र जारी कर पट्टा क्रमांक 43/2013 पर यथास्थिति रखने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद शहर के होटल संचालक ललित पंवार द्वारा लगातार अवैध तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है।
नगरपरिषद में कई बार शिकायत करने पर नहीं हुई कार्यवाही
शिकायतकर्ता ने बताया कि पार्क के लिए आरक्षित एवं विवादित सरकारी भूमि को लेकर पूर्व में नगरपरिषद में कई बार शिकायत दी गई। वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भी मामले में अनुसंधान किए जाने हेतु नगरपरिषद से पत्राचार किया गया। इसके बावजूद भी आज दिनांक तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। जिस वजह से आरोपी के हौसले बुलंद है।
अवैध निर्माण को लेकर नगरपरिषद डूंगरपुर में दिनांक 5 मार्च 2025, 7 मार्च 2025, 18 मार्च 2025 एवं 26 मार्च 2025 तथा इसके बाद भी कई बार शिकायत पत्र दिए गए। लेकिन नगरपरिषद द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते ललित पंवार द्वारा एक अवैध निर्माण कार्य नियम विरुद्ध एवं स्वीकृति के विरुद्ध पहले ही पूर्ण कर लिया है। वहीं सोमवार को एक अन्य कार्य पुनः प्रारंभ किया है। जो जांच के दायरे में है।
गलत दस्तावेजों को आधार बनाकर जारी करवाया था पट्टा
उक्त विवादित जमीन पर होटल संचालक ललित पंवार द्वारा गलत दस्तावेजों को आधार बनाकर पट्टा क्रमांक 43/2013 जारी करवाया गया था। जिसकी पुष्टि नगरपरिषद एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विभिन्न जांच रिपोर्ट में भी हुई है। मामले को लेकर नगरपरिषद कार्यालय द्वारा की गई जांच में पार्क की जमीन (खसरा संख्या 889) पर उक्त पट्टा बनवाने की पुष्टि हुई है। जो पूर्णतः अवैधानिक है तथा इस प्रकार के पट्टे पर प्रदान की गई निर्माण स्वीकृति भी वैध नहीं होगी। इसके बावजूद भी ललित पंवार द्वारा निर्माण कार्य लगातार जारी है।
नगरपरिषद ने अवैध निर्माण कार्य रुकवाकर की खानापूर्ति
सोमवार को शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद नगरपरिषद की टीम देर शाम को मौके पहुंची तथा अवैध निर्माण कार्य को रुकवाकर केवल खानापूर्ति करके चली गयी। वहीं ललित पंवार द्वारा मंगलवार को भी निर्माण कार्य जारी रखा। उक्त विवादित एवं पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर नगरपरिषद पहले भी दो बार अवैध निर्माण कार्य को रुकवा चुकी है लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुका। नगरपरिषद ने ललित पंवार को निर्माण स्वीकृति के दस्तावेज लेकर नगर परिषद में उपस्थित होने को कहा है।
पूर्व स्थिति कायम करने व आरोपी को पाबंद करने की मांग
मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने नगरपरिषद आयुक्त एवं उपखंड अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त विवादित एवं पार्क की भूमि पर जारी निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर पूर्व स्थिति कायम करने की मांग की है। साथ ही आरोपी ललित पंवार को पाबंद करवाने की मांग की है। जिससे भविष्य में विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो सके। अब देखने वाली बात यह है कि नगरपरिषद व जिला प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए क्या ठोस कार्यवाही अमल में लाता है।
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