Monday, December 23, 2024
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Kendra Sarkar Ka Bartav Shuturmurg Jaisa – Delhi High Court

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दिल्ली में संक्रमण की दूसरी लहर से मची हाहाकार पर हाईकोर्ट काफी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है जिसके चलते राज्य में अस्पतालों में पेड़ ऑक्सीजन दवाइयां और अन्य मेडिकल उपकरणों की लगातार कमी देखी जा रही है जिससे मरीज अपनी जान गवा रहे हैं जिस पर हाईकोर्ट दिल्ली सरकार पर लगातार निशाना साधते नजर आ रही है इसी के साथ केंद्र को भी फटकार लगाती दिखी है। Kendra Sarkar Ka Bartav

दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य के हालातों पर चिंता जताते हुए दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई जिसके लिए कोर्ट ने कहा कि राज्य के हालातों से यहां की मौजूदा चिकित्सा ढांचे की पोल खुल गई है जो की पूरी तरह से बर्बाद है इसी के साथ हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कोरोना से पीड़ित सभी नागरिकों को उनकी जरूरत के हिसाब से उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट की जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पर लिखी बेंच ने दिल्ली सरकार को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि जब सरकार यह कहती है कि राज्य का चिकित्सा ढांचा ठीक है तो वह उस शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार करती है जो अपना सिर रेत में गड़ाए रहता है। बेंच ने कहा कि जब मौजूदा स्थितियों पर आप पर्दा डालते हैं तो इसका मतलब है कि आप राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं जबकि हम हमेशा साफ-साफ बात करते हैं।

हाईकोर्ट ने सरकार को याद दिलाए उसके दायित्व
Kendra Sarkar Ka Bartav

दिल्ली हाईकोर्ट ने 53 वर्षीय मरीज के आईसीयू बेड दिलाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई और साथ ही उसको उसके दायित्व भी याद दिलाएं जिसके चलते हाईकोर्ट ने कहा कि जो भी हो रहा है यह सही नहीं है केवल ऑक्सीजन के कारण ऐसा नहीं है यदि आपके पास ऑक्सीजन हो तो क्या उसके अलावा आपके पास सब कुछ है पाइपलाइन है और अभी तक कई बेड भी वजूद में नहीं आए हैं।

सरकार का दायित्व है कि लोगों की जान बचाने के लिए उचित चिकित्सा ढांचा मुहैया कराएं जिससे सरकार इंकार नहीं कर सकती और हम अब इस बात से मुंह नहीं मोड़ सकते कि 100 साल में एक बार हम इस तरह की महामारी से सामना करते हैं इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि कोरोना मरीजों को उचित चिकित्सा व्यवस्था मिल सके। Kendra Sarkar Ka Bartav

लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए जागरूक करें और इसे अनिवार्य करें

हाईकोर्ट ने प्लाजमा डोनेशन पर भी जोड़ दिया जिसके लिए कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण से हाल ही में ठीक हुए मरीजों से प्लाज्मा लेने में भारी कठिनाई हो रही है जिसके लिए सरकार को प्लाज्मा दान करना अनिवार्य करना चाहिए।

प्लाज्मा ध्यान करने के लिए अधिवक्ता तरुण चंडी योग ने आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह लोगों के कल्याण के लिए राज्य की एक जिम्मेदारी उस तरह सभी नागरिकों की भी राज्य के प्रति एक जिम्मेदारी है और जब कोई व्यक्ति सरकारी तंत्र की मदद से संक्रमण से ठीक होता है तो उसका यह दायित्व बनता है कि वह अपना प्लाज्मा दान करके दूसरों की मदद करें।

राज्य में बंद पड़े अस्पतालों पर भी हाई कोर्ट ने किया तर्क

हाईकोर्ट ने आर्थिक स्थिति से 150 बेड वाले मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के बंद होने पर दिल्ली सरकार के तर्क पर सवाल उठाते हुए कहा अस्पताल को बनाने वाले डॉक्टर ने इसके लिए अपनी मेडिकल टीम भेजने की पेशकश भी की है ऐसे में कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य में अस्पतालों और बेड की कमी देखी जा रही है इसलिए हमें लीक से हटकर सोचना चाहिए और क्योंकि यह सामान परिस्थिति नहीं है और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है इसलिए हमें राज्य में बंद पड़े अस्पतालों के इस्तेमाल पर भी विचार करना चाहिए। Kendra Sarkar Ka Bartav

दिल्ली सरकार के वकील की तरफ से तर्क में कहा गया कि कई अस्पताल चालू नहीं है और साथ ही सरकार के पास निजी अस्पताल का संचालन करने के लिए कोई नीति नहीं है जिस पर अदालत ने पलटवार करते हुए कहा कि सामान्य परिस्थितियों में निजी अस्पताल का संचालन करने की नीति नहीं है लेकिन इस वक्त सरकार को लीक से हटकर सोचना चाहिए

इसलिए सरकार 150 बेड वाले अस्पताल को ऐसे कैसे जाने दे सकती है जिस पर ना तो किसी प्रकार का खर्चा होगा और ना ही किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
और जब अस्पताल को बनाने वाले डॉक्टर खुद अपनी टीम लाने के लिए तैयार हैं तो फिर दिक्कत कहां पर आ रही है। इसी के साथ अदालत ने दिल्ली सरकार को अगली सुनवाई के लिए 12 मई की तारीख देकर ठोस जवाब देने का निर्देश दिया है।

Written By : Shruti Dixit

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