Ab Ghar Me Bhi Pehnna Hoga Mask -Neeti Ayog , ghar me bhi lagao mask , kya ghar par mask lagana zaroori hai , apne ghar pe bhi mask laga ke rehna padega
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकारें भी बेबस हो गयी है। 26 अप्रैल को नीति आयोग ने बताया किताब समय आ गया है जब हमें घर के अंदर भी मास्क पहनने की आवश्यकता है। Ab Ghar Me Bhi Pehnna
इसके साथ ही यह भी ध्यान रखे की इस समय मेहमानों को न बुलाएं । नीति आयोग में हेल्थ मिनिस्ट्री के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि – डर या भय न फैलाया जाये, इससे हालात सुधरने की बजाए और भी बिगड़ सकते हैं।
फिजिकल डिस्टेंसिंग का पड़ता है गहरा असर
डॉक्टर पॉल ने बताया कि रिसर्च के मुताबिक अगर 1 व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिंग नही अपनाता है तो वह 30 दिनों में 406 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोरोना संक्रमित व्यक्ति अपना फिजिकल एक्सपोजर 50 प्रतिशत तक कम कर दे तो 1 महीने में 15 लोग तथा 75 प्रतिशत कम करने से ढाई लोगों को ही संक्रमित कर पाएगा।
अगर होम आइसोलेशन के समय असंक्रमित व्यक्ति ने मास्क लगाया है तथा संक्रमित व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है तो इस परिस्थिति में इन्फेक्शन का खतरा 30 प्रतिशत रहेगा। यदि संक्रमित तथा असंक्रमित व्यक्ति, दोनों मास्क लगाये तो इन्फेक्शन का खतरा सिर्फ 1.5 प्रतिशत ही रहेगा।
12 राज्यों में 90 प्रतिशत हेल्थवर्कर्स को लग चुका है पहला डोज
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जानकारी के मुताबिक, देश में अभी तक वैक्सीन के 14 करोड़ से अधिक डोज लगाये जा चुके हैं। एक करोड़ से अधिक लोगों को दूसरा डोज भी दिया चुका है। झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे 12 राज्यों के 90 प्रतिशत से अधिक हेल्थवर्कस को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चूका है।
वहीं ऑक्सीजन की किल्लत से जुड़े 1 सवाल पर बोला गया कि सरकार ने कहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन का सही तरीके और सावधानी से इस्तेमाल करना है तथा ऑक्सीजन के लीकेज को भी हमे रोकना होगा।
पीरियड्स के टाइम पर वैक्सीनेशन से नही कोई खतरा
सरकार ने महिलाओं से जुड़े 1 जरूरी सवाल पर कहा है कि पीरियड्स (मासिक धर्म ) के समय पर भी वैक्सीन लगवाने से कोई खतरा नही है। अर्थात वैक्सीन का पीरिएड्स से कोई लेना देना नहीं है। Ab Ghar Me Bhi Pehnna
आपको बता दें कुछ समय से इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कई अफवाहें फैलाई जा रही थी, जिसमें यह कहा जा रहा था कि पीरियड्स के समय पर महिलाओं के लिए वैक्सीन लगवाना सुरक्षित नही है।
सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में 1 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। इसीलिए संक्रमित व्यक्ति को मास्क पहनना बेहद आवश्यक है। यदि किसी अन्य परिवार के साथ बैठे है तो मास्क अवश्य पहने। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग रूम में आइसोलेट करना चाहिए।
महामारी से डरने की आवश्यकता नही
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सरकार का कहना है कि इस महामारी से डरने की आवश्यकता नहीं है। डरने से फायदा के बदले नुकसान ही होगा। डॉ.पॉल के अनुसार, भारत में मेडिकल उपयोग के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है, परंतु उनका मानना है कि इसे अस्पतालों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग सिर्फ डर के कारण से अस्पताल में बेड बुक करवा रहे हैं। उन लोगों से सरकार की अपील है कि वह डॉक्टर की सलाह के बाद ही अस्पताल भर्ती हों। उनका कहना है कि रेमेडेसिविर तथा टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं का उपयोग भी केवल डॉक्टर के परामर्श के बाद किया जाना चाहिए।
Written By : Aarti
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