देश में पहली बार 102 मीटर ऊंची इमारत को गिराया जा रहा है। घड़ी की टिक-टिक शुरू हो चुकी है। चंद घंटे बाद नोएडा में आसमान छूते ट्विन टावर जमीन में मिल जाएंगे। तैयारी पूरी हो चुकी है। सेक्टर 93 ए स्थित 32 और 29 मंजिला दोनों टावर में 3700 किलो विस्फोटक लगाए गए हैं, जो महज 9-12 सेकेंड में इन्हें मलबे के ढेर में बदल देंगे। 102 मीटर ऊंचे टावर 11 मीटर मलबे के ढेर में बदल जाएंगे।
ट्विन टावर को गिराए जाने से पहले आसपास की कुछ सोसायटी को एहतियातन खाली कराया जा चुका है। करीब 7 हजार परिवारों को घर छोड़ना पड़ा है। इलाके के सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं। छह सोसायटी के लोगों को छत पर जाने से मना किया गया है। हालांकि, टावर गिराने की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी और विशेषज्ञों का दावा है कि आसपास की इमारतों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
प्रदूषण विभाग नही लगा पा रहा अनुमान
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद कितनी धूल और धुएं का गुबार पैदा होगा और उसे छंटने में कितने घंटे लगेंगे व दायरा कितना होगा। प्रदूषण विभाग इसका अनुमान अभी नहीं लगा पा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्विन टावर से दो किमी के दायरे में प्रदूषण रहने की संभावना है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बुधवार को मौके पर निरीक्षण किया। इस दौरान ट्विन टावर से डेढ़ किमी की दूरी तक प्रदूषण मापने की दो मशीनें लगाने का फैसला किया गया है। इसके लिए जगह चिह्नित की जा रही है। उसी समय पता चल सकेगा कि प्रदूषण की स्थिति क्या है और कब तक रहेगा। प्रदूषण से निबटने के जो भी इंतजाम पहले से किए जा सकते हैं। उन्हें लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
पहले भी गिरायी जा चुकी है 65 मीटर ऊंची इमारत
इससे पहले केरल के कोच्चि में अपार्टमेंट कॉम्पलेक्स को इसी कंपनी ने गिराया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में कोच्चि के मराडू में नियम विरूद्ध बनाए गए चार आपर्टमेंट ध्वस्त करने का आदेश दिया था। यह इमारत 65 मीटर ऊंची थी। जनवरी 2020 में इसे गिराया गया था। इसमें 343 फ्लैट बने थे। ध्वस्तीकरण से आसपास की इमारतों में कोई नुकसान नहीं हुआ।
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