प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को अखबार नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन के कार्यालय पर तलाशी अभियान चलाया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में तलाशी अभियान चलाया गया | तलाशी अभियान में कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे पता चलता है कि इस मामले में हवाला लेनदेन हुए।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यंग इंडियन के दफ्तर को सील करने से गुस्साई कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भापा जकेंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष को कुचल देना चाहती है। कांग्रेस का कहना है कि वह केंद्र सरकार की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है। वह ज्वलंत मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी।
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घोटाले के केंद्र में यंग इंडिया
दरअसल नेशनल हेराल्ड घोटाले के केंद्र में यंग इंडिया ही है। 2010 में पांच लाख रुपये की पूंजी से गैरलाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत हुई यंग इंडिया एक साल के भीतर ही हजारों करोड़ संपत्ति वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की पूरी तरह से मालिक बन गई। एजेएल के 100 फीसद शेयर का यंग इंडिया में ट्रांसफर कांग्रेस पार्टी की ओर दिए गए 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए किया गया था। वैसे यंग इंडिया में एजेएल के शेयर ट्रांसफर होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सारा लोन माफ भी कर दिया।
यंग इंडिया में 76 फीसद हिस्सेदारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है। उनसे ईडी लंबी पूछताछ कर चुकी है। इसके साथ ही ईडी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी पूछताछ कर चुकी है। मंगलवार को सुबूतों की तलाश में ईडी ने नेशनल हेराल्ड के साथ ही यंग इंडिया और उसे एक करोड़ की राशि ट्रांसफर करने वाली कोलकाता स्थित कंपनी के ठिकानों की भी तलाशी ली थी।
ED पूछताछ के दौरान सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी द्वारा दिए गए बयानों को सबूतों की कसौटी पर तौल रही है। AJL और YIL कंपनियों के सभी वित्तीय निर्णय दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा ले रहे थे, माँ-बेटे के इस दावे से ED संतुष्ट नहीं है।मामले में फ़िलहाल 5 कंपनियाँ ED की रडार पर हैं, जिनके जरिए हवाला के रुपए YIL को मिले।
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