लखनऊ : लखनऊ विगत कुछ दिनों से लगातार बढती जा रही पत्रकारो पर प्रशासनिक दमनात्मक कार्वाही, तथा पत्रकारों के लगातार उतपीडन के संदर्भ में विश्वव्यापी पत्रकार संगठन आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर्स एसोसिएशन, तथा आल इन्डियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन आईरा उत्तर प्रदेश ने एक आपातकालीन बैठक प्रदेश मुख्यालय पाण्डेय भवन निकट प्रेस क्लब अपोजिट बेगम हजरत महल पार्क कैसर बाग में आयोजित की तथा वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में गहन विचार विमर्श किया गया!
प्रशासन को दी चेतावनी
इस अवसर पर आईरा प्रदेश महासचिव वरिष्ठ पत्रकार श्री नीरज उपाध्याय ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि वर्तमान में उतर प्रदेश प्रशासन जिस प्रकार पत्रकारों के साथ व्यवहार कर रहा है वो असहनीय है!एक ओर प्रशासन समाचार संकलन हेतु सक्रिय पत्रकारों के कार्य में सहयोग करने कि अपेक्षा रोडे अटकाता है, तो वही पत्रकारों पर अनर्गल आरोप लगाकर उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है,प्रशासन इतना निरंकुश हो गया है कि पत्रकारों को थाने में नंगा कर के बंद करने जैसे कृत्य करने लगा है! आईरा प्रदेश महासचिव ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं कि जाएगी, यदी पत्रकार तथ्य विहीन खबर चलाता है तो उसपर मुकदमा कीजिये, कोर्ट को फैसला करने दीजिये, आप होते कौन है पत्रकार को दोशी सिद्ध कर उसके साथ अभद्रता करने वाले!इस अवसर पर बोलते हुएऑल इंन्डियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन आईरा उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी वरिष्ठ पत्रकार ए एस खान ने कहा कि एक ओर मीडिया संस्थान लगातार पत्रकारों का शोषण कर रहे हैं, एक समय था जब ग्रासरूट, तथा वार्ड स्तर तक के संवाददाता को मेंहेनताना मिलता था किंतु आज पत्रकार अपनी गाड़ी में पेट्रोल डलवाने भर की सैलरी नहीं पाता, दूसरी ओर सूचना विभाग में बैठे चंद मठाधीश पत्रकारों का हक, हज़म किए जा रहे हैं, उसपर सोने पे सुहागा यह है कि प्रशासन भी नैतिकता वादी पत्रकारों का दमन करने लगा है !
नकल जैसे गंभीर अपराध का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है तो वहीं थाने में पत्रकारों को नंगा किया जा रहा है !श्री खान ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा जिस दिन पत्रकार अपने पर आ जाएगा उस दिन पुलिस ही नहीं प्रशासनिक भ्रष्टाचार की भी धज्जियां उड़ा डालेगा भ्रष्ट अधिकारियों तथा सूचना विभाग में बैठे मठाधीशों को एक-एक कर नंगा कर डालेगा ।क्योंकि हर कलम बिकाऊ नहीं होती अभी कर्मठ पत्रकार जिंदा है, तथा नैतिकता वादी पत्रकारिता प्रचलित है, जो प्रशासन की हर भ्रष्ट गतिविधि पर करीबी नजर रखती हैं,तथा प्रत्येक विभाग में उसके विश्वसनीय सूत्र सक्रिय हैं ।
आईरा प्रदेश प्रभारी ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान विशेषकर पोर्टल मीडिया में असामाजिक तत्व घुस आए हैं जिनके कारण पूरा पत्रकारिता जगत अपमानित हो रहा है कानपुर के चंदन जयसवाल का प्रकरण ऐसे ही मीडिया संस्थानों की लापरवाही का नतीजा है वरिष्ठ पत्रकार ए, एस, खान ने कहा चंदन जयसवाल प्रकरण उभरने के पश्चात आईरा ने तत्काल संज्ञान लिया पुलिस अधिकारियों सहित कयी स्थानीय पत्रकारों तथा चंदन गुप्ता के परिजनों से वार्ता कर जो निष्कर्ष निकले वह इस प्रकार हैं!
पत्रकार उत्पीड़न पर किया गया मंथन
चंदन गुप्ता मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है शराब भी बहुत अधिक पीता है तथा उससे विवाद भी चलते रहते हैं उक्त प्रकरण में चंदन गुप्ता ने अपने कपड़े स्वयं फाडे थे, इससे पहले भी वह ऐसी हरकते करता रहा है, यही नहीं उसने कपड़े की एक फैक्ट्री में आग भी लगाने का प्रयास किया था मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को प्रेस कार्ड जारी करने वाले संसथान
कम से कम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की कुछ तो गरिमा समझें, एक ओर आईरा लगातार पोर्टल मीडिया को मान्यता देने के लिए संघर्ष कर रही है, तो वही कुछ पोर्टलो द्वारा पैसे लेकर असमाजिक तत्वो को ही नहीं मान्सिक विक्षिप्त व्यक्तियों तक को प्रेस कार्ड जारी कर पत्रकारिता की गरीमा का चीरहरण कर रहे हैं!
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चंदन जयसवाल प्रकरण को लीड कर रहे आईरा के लखनऊ नगर अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार संजय शुक्ला तथा लखनऊ नगर महासचिव असद उददीन ने उक्त पूरे प्रकरण पर सभी फीडबैक पटल पर रखे, जिसके आधार पर कानपुर पुलिस के खिलाफ कोई भी आंदोलन अथवा लिखित कार्वाही नही करने का फैसला लिया गया!