Monday, December 23, 2024
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रोजा इफ्तार पार्टी के दौरान विधायक ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द का मिसाल

चित्तौड़गढ़: अहमद : बेगू विधानसभा क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द एक मिसाल है | यहां कौमी एकता के तराने गूंजते हैं मुस्लिम समाज बालाजी ध्वज फेरी का स्वागत करते हैं तो हिंदू रोजा ईफ़्तार करते हैं | यह बात विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने रविवार शाम को ईदगाह में आयोजित इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कही | उन्होंने कहा कि रोजा संयम और अनुशासन सिखाता है | कौमी एकता की भावना बनी रहे और देश में अमन चैन हो इसके लिए सभी को कार्य करना चाहिए |

रोजा इफ्तार में अंजुमन इस्लाम सदर हाजी बाबू खा , पालिकाध्यक्ष दीपिका तिल्लानी , पालिका उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र देवड़ा , इंटक राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी नरोत्तम जोशी , पूर्व ब्लाक अध्यक्ष मोडू लाल पुरोहित , वरिष्ठ पार्षद ज्योति पारेता , पूर्व पालिका अध्यक्ष धर्मेंद्र तिल्लानी , पार्षद अनिल बलसोरी , हाजी हफीजुल्लाह , पार्षद इमरान खान , मोहम्मद हुसैन बंगाली , कयूम खा , कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष राशिद सागर , समेत जनप्रतिनिधि और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल रहे | ईफ़्तार के बाद आयोजित सभा को बिधूड़ी और मुस्लिम समाज के पदाधिकारियों ने संबोधित किया | कार्यक्रम में रोजदारो को भोजन भी करवाया गया |

इस अवसर पर विधायक ने ईदगाह परिसर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए विधायक कोष से ₹2100000 देने की घोषणा की विधायक ने शहर में कई जगह हाईमास्क लगाने हकीम खां सूरी की प्रतिमा लगाने की बात कही उन्होंने कहा कि शहर में विकास कार्यों में कमी नहीं आने दी जाएगी शहर की पुलिया ओं को विकसित किया जाएगा पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और भू माफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

जेल में मुस्लिमों के साथ 32 हिंदू कैदी भी रख रहे हैं रोजा

जेल में इन दिनों रमजान के दौरान 1,174 मुस्लिमों के साथ करीब 32 हिंदू कैदी भी पूरे दिन का उपवास ‘रोजा’ रख रहे हैं। जेल अधीक्षक राकेश सिंह के मुताबिक, जेल अधिकारियों ने रोजा रखने वाले कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। ‘इफ्तार’ के लिए उन्हें दूध और मेवे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुल 2,600 कैदियों में से 1,174 मुस्लिम और 32 हिंदू कैदी रोजा रख रहे हैं।

रमजान के पवित्र मौके पर इस तरह की बानगी यूपी में पहली बार देखने को मिल रही है। यह वही मुजफ्फरनगर है, जहां सांप्रदायिक हिंसा में लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे। मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों से हिंदुओं और मुस्लिमों में मतभेद बढ़ गए थे। लेकिन, रमजान के इस मौके पर हिंदू-मुस्लिम कैदी रोजा रखकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं।

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