Sunday, June 29, 2025
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डूंगरपुर में मूर्ति स्थापना को लेकर बवाल, बीटीपी विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

 डिजिटल डेस्क : रविवार काे बीटीपी के चाैरासी व सागवाड़ा विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर नगरपरिषद व काेतवाली थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि नगर परिषद अायुक्त के अाश्वासन के बाद सदर थाना सर्कल पर प्रतिमा लगाई थी, फिर मुकदमा दर्ज क्याें किया गया? इस पर सभापति अमृत कलासुअा ने कहा कि प्रकरण दर्ज कराने काे लेकर मुझसे नही पूछा गया है। इस विवाद काे सुलझाने में सरकार व प्रशासन नाकाम रही है। सभापति ने कहा कि प्रतिमा स्थापित करने का अादेश संभागीय अायुक्त का है। इसके बाद यह काेतवाली थाने पहुंच गए।

काेतवाली थानाधिकारी से मिलकर चर्चा की। विधायक ने मूर्ति लगाने के दौरान बदसलूकी करने की बात कहते हुए परिवाद दिया थानाधिकारी ने कहा कि जिस प्रकरण की जांच चल रही है। उस के साथ आपके परिवाद की जांच हाे जाएगी। अलग से प्रकरण दर्ज नहीं हाे सकता है।

आदिवासी महा समिति के बैनर तले बैठक में राणा पूंजा की प्रतिमा स्थापना को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा हुई। दर्ज मुकदमे की निंदा की गई। सिंटेक्स चौराहे पर संत सूरमाल की मूर्ति लगाने की मांग की। विधायक डिंडोर, रोत, आदिवासी बिछीवाड़ा प्रधान देवराम रोत, आदिवासी कान्ति भाई रोत उपस्थित रहे।

राणा पूंजा को भील संबोधित करने पर पूर्व राजपरिवार को आपत्ति

उदयपुर। पानरवा के पूर्व राजपरिवार के सदस्य व राणा पूंजा की 16वीं पीढ़ी के वंशज राणा मनोहर सिंह सोलंकी ने डूंगरपुर में राणा पूंजा को भील संबोधित करने व भील वेशभूषा में मूर्ति स्थापित करने पर आपत्ति दर्ज कराई। इसे लेकर डूंगरपुर कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को भी ज्ञापन भेजा गया। सोलंकी का कहना है कि सोलंकी राजवंश के राणा पूंजा भीलों के सरदार थे। लेकिन इतिहास के तथ्य से परे उन्हें बार-बार भील जाति से जोड़ा जाता है।

ऐसी घटनाएं दो जातियों के बीच परस्पर सामाजिक सोहार्द को बिगाड़ने की कोशिश है। राणा ने दस्तावेज के साथ बताया कि महाराणा उदय सिंह का विवाह-संबंध पानरवा के राणा हरपाल की बहन रतनबाई सोलंकिणी से रहा। बीटीपी महाराणा भूपाल सिंह के समय सर सुखदेव द्वारा उल्लेखित मेवाड़ के गजट 1935 में भी पानरवा के शासकों को सोलंकी राजपूत व पद्वी राणा बताया है।

पूर्व में राष्ट्रपति केआर नारायणन की ओर से प्रस्तावित अनावरण कार्यक्रम का महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ व बलवंत सिंह मेहता ने भी भील बताने का विरोध किया था। जिसके चलते कार्यक्रम निरस्त हुआ था। पानरवा के कृष्णा सोलंकी और हनुमान सिंह, ओड़ा गांव के पर्वत सिंह और कुशाल सिंह, आदिवास के प्रेमसिंह और नेपाल सिंह सोलंकी, जेखड़ा के महेंद्र सिंह सारंगदेवत ने भी विरोध दर्ज कराया।

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बीटीपी विधायक घाेघरा ने किया निरीक्षण वहीं दूसरी आेर शहर के सिंटेक्स तिराहे पर साेमवार काे राणा पूंजा की प्रतिमा दाेपहर 2 बजे स्थापित की जाएगी। प्रतिमा का अनावरण कैबिनेट मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया करेंगे। डूंगरपुर विधायक गणेश घाेगरा ने कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। घाेगरा ने बताया कि भव्य तरीके से कार्यक्रम का अायाेजन किया जाएगा।

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