Monday, June 30, 2025
Homeदेशकोविड नियमों के साथ शुरू हुआ गंगासागर मेला

कोविड नियमों के साथ शुरू हुआ गंगासागर मेला

कोलकाता : शर्तों के साथ गंगासागर मेला शुरू कर दिया गया। राज्य सरकार की तैयारी पहले से ही पूरी थी, इंतजार था तो कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश का। गंगासागर मेले में कोविड के नियमों को पूरी तरह मानना अनिवार्य है, नियमों की कड़ी टूट न पाए इसलिए कमेटी तक गठित कर दी गयी है। कुल मिलाकर श्रद्धालु तो सागर में डुबकी लगाकर अपने पाप-पुण्य का हिसाब कर लेंगे मगर प्रशासन के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी इस बार गंगासागर मेला। प्रशासन के सामने श्रद्धालुओं की भीड़ है तो ठीक उसके बीच महामारी के रूप में छिपा कोरोना का वायरस है जो आगे बढ़ने के लिए कोई रास्ता नहीं खोजता बल्कि तलाशता है लोगों की भीड़। बहरहाल एक बड़े मिशन की तरह सरकारी पक्ष ने गंगासागर मेले की शुरुआत कर दी है। श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट शुरू कर दिया गया है, उनमें जो पॉजिटिव आ रहे हैं उन्हें सीधे अस्पताल का रास्ता दिखा दिया जा रहा है।

5 लाख लोगों के आने की उम्मीद
जानकारी के अनुसार इस साल गंगासागर मेले में करीब 5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। चूंकि दौर कोरोना का है इसलिए श्रद्धालुओं की संख्या बाकी साल की तुलना में इस बार कम है। इस भीड़ को संभालने के लिए कोलकाता से गंगासागर तक मैन पावर तैनात किया गया है, जिसमें सरकारी वॉलंटियर्स के अलावा पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। मेले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि मैन पावर को हमने रखा तो है मगर कोविड के मामले में जिस तरह बढ़ोतरी हो रही है उसकी चपेट में ये लोग अगर आ जाते हैं तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

श्रद्धालुओं का किया जा रहा कोविड टेस्ट
इधर गंगासागर जाने के लिए लोगों का यहां आना शुरू हो चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर इन लोगों का कोविड टेस्ट शुक्रवार से ही शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद के सदस्य अतिन घोष ने बताया कि सियालदह स्टेशन और बाबूघाट में कैंप बनाया गया है जहां इन लोगों का कोविड टेस्ट हो रहा है। द​क्षिण 24 परगना के डीएम डॉ. पी उल्गनाथन ने बताया कि सागर तक उनकी ओर से 13 प्वाइंट बनाए गए हैं जहां हर प्वाइंट पर इसी तरह कोविड टेस्ट होता रहेगा।

Read More : जाना है पुरी श्री जगन्नाथ का दर्शन करने तो यह खबर है आपके लिये…

लापरवाह से दिख रहे हैं लोग
गंगासागर मेले में जाने के लिए लोग सबसे पहले कोलकाता आते हैं। यहां मैदान में उनका टेंट लगता है। यहां जाने पर ज्यादातर लोगों में कोरोना के प्रति लापरवाही ही दिख रही है। लोग घूम रहे हैं, समूह में बैठे हैं, अलाव ताप रहे हैं मगर चेहरे पर मास्क नहीं है। पूछने पर कि आखिर मास्क क्यों नहीं लगाया तो जवाब मिलता है कितना देर चेहरा ढके रहें, सांस लेने में दिक्कत आ रही है। अब उन्हें कौन कैसे समझाए कि आस्था जरूरी है मगर स्वास्थ्य उससे भी ज्यादा जरूरी है।

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments