डिजिटल डेस्क : भारतीय रुपये का अवमूल्यन जारी है। ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक, भारतीय रुपया एशियाई बाजारों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया है। इसके पीछे मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिक्री है। इसका सीधा सा मतलब है कि विदेशी निवेशक देश के शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.9 फीसदी कमजोर हुआ। यह अब 74 रुपये प्रति डॉलर के मुकाबले 76 रुपये प्रति डॉलर को पार कर गया है।
भारतीय रुपया क्यों कमजोर हो रहा है?
रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल फंड ने भारतीय शेयर बाजार से 420 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 31,920 करोड़ रुपये) की निकासी की है। यह एशिया के किसी शेयर बाजार से सर्वाधिक पूंजीगत लाभ है।कोरोना वायरस ओमाइक्रोन के नए प्रकोप से भारतीय शेयर बाजार लगातार दबाव में है। ऐसे में निवेशक चिंतित हैं। इसके अलावा भारत के व्यापार में रिकॉर्ड नुकसान के संकेत हैं।
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यूएस फेडरल रिजर्व के साथ-साथ दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं। महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने की बात होती रही है।