डिजिटल डेस्क : यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए मायावती की पार्टी का बसपा से आमना-सामना चल रहा है. बसपा के ज्यादातर नेता अब बीजेपी की जगह अखिलेश यादव की पार्टी एसपी में शामिल हो रहे हैं. वहीं अखिलेश यादव बसपा नेताओं के अतिरिक्त शोर से सपा में शामिल हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसके जरिए अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में 86 आरक्षित सीटों का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं.
सपा सूत्रों के मुताबिक इस बार अखिलेश यादव यूपी में जीत का फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं. इसी कड़ी में सपा का फोकस यूपी में आरक्षित सीटों पर है. फिलहाल बीजेपी के पास 72 सीटें हैं. हालांकि इन सीटों पर बसपा आगे थी। 2007 में बसपा ने 62 आरक्षित सीटें जीती थीं.
राम अचल रजवार और लालजी वर्मा का आगमन मजबूत हो रहा है – सूत्रों का कहना है कि बसपा के मजबूत नेताओं राम अचल राजवर और लालजी वर्मा के आने से उन्हें मजबूती मिली है। दोनों नेता 2017 में अंबेडकर नगर में भाजपा के ज्वार को रोकने में कामयाब रहे। दोनों नेताओं ने हाल ही में अंबेडकर नगर में एक रैली की थी।
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सपा में बने बाबा साहेब वाहिनी – समाजवादी पार्टी ने दलित वोटरों के लिए पार्टी के भीतर ही बाबा साहेब बहिनी का गठन किया है. इस कोर की कमान बसपा की ओर से मिठाई लाल भारती को सौंपी गई है। मिठाई लाल भारती ने बसपा संगठन में भी काम किया है।मायावती ने हमला किया और बसपा में लगातार ब्रेक के बाद मायावती ने पूर्व में हमला किया. दलबदलुओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “ये सभी बारिश के मेंढक हैं। चुनाव के बाद इन्हें फिर से नहीं देखा जाएगा।”