Sunday, June 29, 2025
Homeधर्मकिसे करना चाहिए गुरुवार का व्रत, जानिए 12 खास बातें........

किसे करना चाहिए गुरुवार का व्रत, जानिए 12 खास बातें……..

एस्ट्रो डेस्क  : बृहस्पति ग्रह का वार गुरुवार है। यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है। यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति निम्निलिखित अनुसार है तो गुरुवार का व्रत करना चाहिए। आओ जानते हैं कि किसे गुरुवार का व्रत रखना चाहिए।

  1. कुंडली में 6वें, 7वें, 8वें और 10वें भाव में गुरु है तो गुरुवार का उपवास करना चाहिए।
  2. यदि आपकी रा‍शी धनु और मीन है तो भी आपको गुरुवार का उपवास करना चाहिए।
  3. यदि गुरु शत्रु ग्रह के साथ बैठा है तो भी गुरुवार का व्रत करना चाहिए। गुरु ग्रह के शुक्र और बुध शत्रु ग्रह हैं जबकि शनि और राहु सम ग्रह हैं।
  4. कुंडली में यदि बृस्पति कमजोर है, शुक्र, बुध या राहु के साथ है या किसी भी प्रकार से वह नीच हो रहा है तो जातक को गुरुवार का व्रत अवश्‍य करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति से ही भाग्य जागृत होता है।
  5. गुरुवार करने से खुल जाते हैं भाग्य के द्वार क्योंकि बृहस्पति चौथा, पांचवां और नौवें भाव पर अपना प्रभाव रखते हैं।
  6. यदि विवाह में कोई कठिनाई आ रही है या वैवाहिक जीवन सुखमयी नहीं है तो गुरुवार का व्रत करना चाहिए।
  7. यदि आपकी कुंडली में अल्पायु योग हैं या जीवन रेखा कमजोर है तो आपको गुरुवार का व्रत निरंतर रखते हुए गुरु के उपाय भी करना चाहिए क्योकि गुरु ही लंबी आयु भी प्रदान करता है।
  8. उथली व छिछली मानसिकता वाले व्यक्तियों को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखना चाहिए।
  9. यदि गुरु दशम भाव में है या किसी भी भी प्रकार से पितृदोष निर्मित हो रहा है तो जातक को गुरुवार अवश्य करना चाहिए साथ ही प्रतिदिन हनुमान चालीसा भी पढ़ना चाहिए।
  10. जीवन में हर मोड़ पर असफलता का सामना हो रहा है और किसी भी प्रकार का सुख नहीं मिल रहा है तो निश्‍चित ही गुरुवार का कठिन व्रत करना ही चाहिए।
  11. किसी भी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने के लिए कम से कम 11 गुरुवार का उपावास करना ही चाहिए।

भगवान महावीर के निर्वाण का यह दिन ‘दीपोत्सव’ के नाम से है प्रसिद्ध

गुरूवार के उपाय : सफेद चंदन, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाएं। हर तरह की बुरी लत को छोड़ने के लिए अति उत्तम दिन, क्योंकि इस दिन संकल्प की अधिकता रहती है। गुरुवार को पापों का प्रायश्‍चित करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि यह दिन देवी-देवताओं और उनके गुरु बृहस्पति का दिन होता है। उत्तर, पूर्व, ईशान दिशा में यात्रा करना शुभ। धार्मिक, मांगलिक, प्रशासनिक, शिक्षण और पुत्र के रचनात्मक कार्यों के लिए यह दिन शुभ है। सोने और तांबे का क्रय-विक्रय कर सकते हैं। इस दिन घर में धूप दीप देना चाहिए खासकर गुग्गुल की धूप देना चाहिए। इस दिन धूप देने से गृह कलह, तनाव और अनिद्रा और किया कराया में लाभ तो मिलता ही है साथ ही दिल और दिमाग के दर्द में राहत मिलती है। सबसे बड़ी बात यह कि इस दिन धूप देने से पारलौकिक मदद मिलती है। यदि आपका गुरु अशुभ या कमजोर है तो आप नित्य पीपल में जल चढ़ाएं, सदा सत्य बोलें और अपने आचरण को शुद्ध रखें तो गुरु शुभ फल देने लगेगा।

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments