एस्ट्रो डेस्क: हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व माना जाता है। पारिस्थितिकी भी शंख की सहायता से पारिस्थितिक दोषों को दूर करने के विभिन्न तरीकों का उल्लेख करती है। शंख के बिना मंदिर या गृह पूजा पूरी नहीं होती। शंख की ध्वनि शुभ मानी जाती है। तीन बार शंख बजाकर पूजा शुरू की जाती है। यह वातावरण से सभी अशुद्धियों को दूर करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध होता है और देवता हमारी ओर आकर्षित होते हैं। साथ ही शंख की ध्वनि पूजा की विभिन्न सामग्रियों में चेतना जगाती है जिससे पूजा सफल होती है।
कैल्शियम कार्बोनेट से बने शंख। अगर आप रात भर शंख में पानी रखकर सुबह पीते हैं तो शरीर में कैल्शियम की कमी दूर हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार शंख की राख के सेवन से दिल का दौरा, रक्तचाप, दमा, मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। फिर से लयबद्ध तरीके से शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं। यह शरीर में ऑक्सीजन और रक्त के प्रवाह को शुद्ध करता है।
दक्षिणी शंख को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इसलिए धन और सुख की प्राप्ति के लिए इसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में या पूजा कक्ष में रखना चाहिए। इसकी प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए।
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पितृसत्ता के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या और शनिवार को दक्षिणी शंख में जल भरकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करना चाहिए। इससे पितरों को प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इससे घरेलू कलह, काम में रुकावट, संतानहीनता और धन की कमी जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
नए ग्रह की शांति के लिए शंख एक प्रभावी रत्न है। सूर्य को प्रसन्न करने के लिए शंख में जल भरकर सूर्य को अर्पित करें। चंद्रमा के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए फिर से शंख में गाय का कच्चा दूध डालकर सोमवार के दिन शिव के मस्तक पर चढ़ाएं। मंगलवार के दिन सुंदरकाण्ड का पाठ करके शंख बजाना मंगल का अनुकूल प्रभाव पाने का एक उत्तम उपाय है।
बुध के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए शालिग्राम को शंख में जल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं। बृहस्पति का शुभ फल पाने के लिए गुरुवार के दिन दक्षिणी शंख पर केसर का तिलक करें और पूजा करें। ऐसा करने से विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। शुक्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर ठाकुर के घर में छोड़ दें। शंख को चावल से भरकर लाल कपड़े में लपेटकर धन और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। लाल कपड़े में लपेटे हुए शंख को तिजोरी में रख दें जहां उत्तर दिशा में दरवाजा खोला जा सकता है या जहां धन रखा जाता है।