देश भर में केंद्र सरकार के लगभग 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी इस वक्त बड़ी बेसब्री से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा का इंतज़ार कर रहे हैं। इस आयोग के ज़रिए उनकी सैलरी, पेंशन और भत्तों में बड़ा बदलाव तय होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये आयोग जनवरी 2026 से लागू हो पाएगा ?
जनवरी 2026 की डेडलाइन मिस हो सकती है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की शुरुआत तय समय से टल सकती है। दरअसल, 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था, लेकिन इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं। अब जून 2025 तक भी अगर नए आयोग के अधिकार और दिशा यानी Terms of Reference (ToR) तय नहीं हुए हैं। तो जनवरी 2026 तक इसके लागू होने की संभावना बेहद कम दिख रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कार्यान्वयन शायद 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक खिसक सकता है।
सैलरी स्ट्रक्चर में क्या बदलाव संभव है ?
अब तक के वेतन आयोगों में सरकार ने वेतन तय करने के कई अलग-अलग तरीकों को अपनाया है। 6वें वेतन आयोग ने पे-बैंड और ग्रेड पे की शुरुआत की थी, जिससे सैलरी सिस्टम थोड़ा आसान बना। 7वें वेतन आयोग ने फिर से खेल बदल दिया। इसमें 24-लेवल का पे मैट्रिक्स पेश किया गया, जिससे हर लेवल की सैलरी एक खास तरीके से तय होती है। इसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जो बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का मुख्य आधार होता है।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीद की जा रही है ?
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.8 के बीच हो सकता है। इसका मतलब ये होगा कि मौजूदा बेसिक पे में उसी अनुपात से बढ़ोतरी तय की जाएगी। लेकिन जब तक आयोग का गठन ही नहीं होता, तब तक कुछ भी कहना महज़ अटकलें होंगी।
कर्मचारियों को करना होगा और इंतज़ार ?
ऐसे में जब 8वें वेतन आयोग की रूपरेखा तक तैयार नहीं हुई है, तो जनवरी 2026 से इसका लागू होना मुश्किल लगता है। सरकार की ओर से कोई ठोस अपडेट नहीं आया है, लेकिन चर्चा ये ज़रूर है कि कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स की मांगें लगातार सरकार तक पहुंच रही हैं। अब देखना ये होगा कि सरकार कब इस दिशा में अगला कदम उठाती है।
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