तुर्की और सीरिया में भूकंप ने हजारों लोगों के जीवन को तहस-नहस कर दिया है। इस आपदा में मरने वालों की संख्या 15 हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है। कई परिवार ऐसे हैं, जो पूरी तरह तबाह हो गए और उनका कोई नामोनिशान नहीं बचा है। सीरिया के सराकिब शहर के अहमद इदरीस की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। एक सीरियाई शरणार्थी ने तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अपने परिवार के 25 सदस्यों को खो दिया।
इस शरणार्थी का नाम अहमद इदरीस है। उनका पूरा परिवार युद्धग्रस्त सीरिया से भागकर आश्रय खोजने के लिए तुर्की की सीमा पर बने शेल्टर होम आया था। एक विस्थापित सीरियाई अमहद इदरीस ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा कि 2012 में मेरा पूरा परिवार सरायकिब में शरण लेने पहुंचा था। साल 2020 में सीरियाई सेना ने सरायकिब को फिर से अपने कब्जे में ले लिया था। हम अपने लिए सुरक्षित शेल्टर की खोज में यहां आए थे, लेकिन देखो यहां भाग्य ने हमारे साथ क्या कर दिया ?
अहमद इदरीस ने पाया चारों ओर शवों के ढेर
इदरीस मुर्दाघर पहुंचे तो पाया कि चारों ओर शवों के ढेर थे। इन ढेरों के बीच वह एक-एक कर अपने परिवार वालों की पहचान करते और उनके शवों के पास बैठकर भाग्य को कोसते। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक अपने मृत पोते से लिपटते हुए इदरीस ने आसमान की ओर देखकर कहा- ‘तुमने मेरा दिल दुखाया है। जो कुछ हुआ है उसके साथ, मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है। मैंने अपनी बेटी खो दी, उसके दो बेटे, मेरी बेटी के ससुर का परिवार और उसकी सास साथ में उनके बेटे। जिनमें से एक के बच्चे भी थे, एक बड़ा परिवार और कई बेटे भी…सबकुछ खत्म !
दर्द भरी है इदरीस की कहानी
इदरीस की कहानी इतनी दर्दभरी है, जिसे सुनकर कोई भी भावुक हो जाएगा। एक तरफ इदरीस के पोते का शव पड़ा हुआ है, दूसरी तरफ इदरीस की बेटी और बेटे के शव पड़े हैं। दामाद समेत इदरीस के परिवार के अहम सदस्य अब सिर्फ शव के रूप में उनके सामने हैं। इदरीस बताया कि हम 2012 से युद्ध की विभीषिका झेल रहे हैं।
सीरिया छोड़कर आश्रय लेने सरायकिब आए लेकिन अन्याय को देखो जो हमारा पीछा कर रहा है, यहां भी हमारे साथ बुरा हुआ। गत 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से तुर्की और सीरिया में अब तक 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह एक दशक से अधिक समय में सबसे घातक भूकंपीय घटना है। साल 2015 में नेपाल में तबाही मचाने वाले 7.8 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या यहां अधिक है। नेपाल की त्रासदी में 8,800 से अधिक लोग मारे गए थे।
20,000 तक हो सकती है मरने वालो की सख्या – डब्ल्यूएचओ
तुर्की और सीरिया में बचाव दल भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के मलबे में फंसे लोगों की तलाश जारी रखे हुए हैं। सभी बाधाओं के बावजूद, 7.8 तीव्रता के भूकंप के 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी खोजी दल लोगों को मलबे से निकाल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि दोनों देशों में कई और मृतकों के मिलने की संभावना है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हताहतों की संख्या कल तक 20,000 तक पहुंच सकती है।
इसी बीच भारतीय सेना और NDRF की टीमों ने तुर्की में मोर्चा संभाल लिया है। भारतीय सेना ने भूकंप प्रभावित इलाकों में फील्ड हॉस्पिटल बनाया है, जहां घायलों का लगातार इलाज चल रहा है। वहीं, NDRF की तीन टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में मलबों के बीच फंसे लोगों की तलाश कर रही हैं।
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