एस्ट्रो डेस्क : पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू की स्थिति पर संशय बना हुआ है। इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार को दिल्ली तलब किया गया। दिल्ली में सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे। वेणुगोपाल और हरीश रावत के साथ सिद्धू की मुलाकात भी उनके इस्तीफे से जुड़ी हुई है। ऐसी भी अटकलें हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। सिद्धू ने पिछले महीने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नियुक्तियों और कैबिनेट फेरबदल का हवाला देते हुए ट्विटर पर इस्तीफा दे दिया था।
एआईसीसी महासचिव और पंजाब के पार्टी प्रभारी रावत ने कहा कि सिद्धू राष्ट्रीय राजधानी में उनसे और एआईसीसी महासचिव (संगठन) वेणुगोपाल से मिलेंगे और पार्टी की राज्य इकाई से संबंधित संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। रावत ने ट्वीट किया, ”नवजोत सिंह सिद्धू 14 अक्टूबर को शाम छह बजे मुझसे और वेणुगोपाल जी से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े कुछ संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष वेणुगोपाल जी के कार्यालय में मुलाकात करेंगे.”
हालांकि एआईसीसी ने अभी तक सिद्धू के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन चन्नी और राज्य के कुछ नेता पंजाब कांग्रेस प्रमुख को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। 2 अक्टूबर को एक ट्वीट में सिद्धू ने संकेत दिया, “मैं गांधीजी और शास्त्रीजी की नीतियों का समर्थन करूंगा। पोस्ट या नो पोस्ट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़ा होगा।
Sh. Navjot Singh Sidhu, President Punjab Congress will be meeting me and Sh. Venugopal ji for discussion on certain organisational matters pertaining to Punjab Pardesh Congress Committee at Venugopal ji's office on 14th October at 6 PM. @sherryontopp
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 12, 2021
सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब की जीत होगी
उन्होंने कहा, “सभी नकारात्मक ऊर्जा मुझे हराने की कोशिश करें, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा के हर औंस से पंजाब जीतेगा, पंजाबियत (यूनिवर्सल ब्रदरहुड) जीतेगा और हर पंजाबी जीतेगा।” इससे पहले सिद्धू ने पार्टी विधायकों और नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संगठनात्मक ढांचे पर बैठकें और चर्चा की थी। पंजाब प्रांतीय कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के नए निकाय के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अभी नहीं हुई है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद जुलाई में सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का मुखिया बनाया गया था।
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