Wednesday, September 17, 2025
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जम्मू-कश्मीर में अलग परिसीमन क्यों है ? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

डिजिटल डेस्क : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच परिसीमन का विरोध भी तेज हो गया है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि यह प्रक्रिया समानता के अधिकार के खिलाफ है, जो संविधान के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिला है। याचिका में कहा गया है कि देश भर में 2026 तक परिसीमन पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर के अलग से परिसीमन का कोई कारण नहीं है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए राज्य के पुनर्गठन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी भी दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है।

जम्मू में और कश्मीर अलग प्रक्रिया क्यों

जम्मू-कश्मीर के निवासी हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ. मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा दायर अर्जी पर सवाल उठाया गया है, ‘जब पूरे देश में परिसीमन संविधान के अनुच्छेद 170 के अनुसार 2026 के बाद किया जाना है, तो जम्मू में और कश्मीर अलग प्रक्रिया क्यों हो रही है? इतना ही नहीं, आवेदन ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों को 83 से बढ़ाकर 90 करने के प्रस्ताव का भी विरोध किया है। याचिका में शीर्ष अदालत ने परिसीमन आयोग के गठन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है क्योंकि इसे नियमों के विरुद्ध बनाया गया है।

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परिसीमन आयोग का किया गया गठन

आवेदन में कहा गया है कि पिछली बार 12 जुलाई 2002 को परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। यह कार्य 2001 की जनगणना के आधार पर किया गया था और यह निर्धारित किया गया था कि अब यह प्रक्रिया 2026 के बाद ही की जाएगी। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है और इसे जून तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है. यह भी कहा जा रहा है कि परिसीमन की प्रक्रिया के बाद जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक या 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.

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