एस्ट्रो डेस्क : आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन के हर एक पहलू के बारे में उल्लेख किया था. महान रणनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य के द्वारा कही गई हर एक बात वर्तमान में सटीक बैठती है. चाणक्य के अनुसार कभी भी मनुष्य को जीवन में असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए. जबकि असफलताओं से व्यक्ति को सीख लेते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ता चाहिए है, इससे साफ है कि सफलता एक न एक दिन आपको अवश्य मिलती है. जो लोग असफलता से घबराते नहीं हैं वो अपनी मेहनत और त्याग से लक्ष्य को पूरा करते हैं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनते हैं.
अब जल्द ही नया वर्ष आने वाला है. जिन लोगों को इस साल तमाम प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिली है, उनको बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए. आने वाला साल नया उत्साह लेकर आने वाला है.अगर आपके अंदर आत्मविश्वास तो वह बड़ी से बड़ी जंग को जीता जा सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार लक्ष्य की प्राप्ति में भी आत्मविश्वास को होना बहुत जरूरी है, जो लोग बिना आत्मविश्वास दिखाए हिम्मत हार जाते हैं, वे कभी इतिहास नहीं लिखते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आने वाले नए साल को सफलता में कैसे बदलें, इसके लिए चाणक्य की इन बातों को जीवन में उतारें.
समय
चाणक्य नीति के अनुसार समय बहुत कीमती होता है. जीवन का हर एक पल महत्वपूर्ण है. इसलिए वक्त को कभी बेकार ना जाने दें.हर पल कुछ नया करने का जुनून व्यक्ति को सफलता के शिखर पर पहुंचाता है. अगर सफल बनना है तो समय की कद्र करनी चाहिए. जो लोग समय के अनुसार कार्यों को पूर्ण करते हैं उनको जीवन में हमेशा सफलता मिलती है.
निंदा
चाणक्य नीति के मानें तो कभी भी हमें दूसरों की निंदा नहीं करना चाहिए. जहां तक हो निंदा न सुनें, ना किसी से करें. निंदा हर प्रकार से सफलता में बाधक है. निंदाभरा मन नकारात्मकता के भाव को जन्म देता है.इससे मानसिक तनाव भी बढ़ता है और मन भी बेचौन होता है.व्यक्ति अवगुणों से मुक्त और दूर रहकर ही लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. इसलिए नए साल पर इससे दूर रहने का प्रयास करें.
धन की बचत
चाणक्य नीति कहती है कि कभी धन को बिना सोझे ना खर्त करें. धन ही होता है जो आपके बुरे वक्त में काम आता है. संकट आने पर जब सभी लोग साथ छोड़कर चले जाते हैं तब धन ही सच्चे मित्र की भूमिका निभाता है. इसलिए नए साल में धन की बचत करना सीखें.
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