अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता रोक दी है, जिससे कीव को बड़ा झटका लगा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है। इसे रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा को कमजोर करने वाला कदम बताया है। यूक्रेन ने कहा कि यह निर्णय एक सहयोगी की ओर से विश्वासघात मिलने के बराबर है। इससे रूस को और अधिक नागरिकों पर बमबारी करने और उन्हें मारने में मदद मिलेगी।
व्हाइट हाउस का बचाव
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, “राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका ध्यान शांति पर है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी सहायता किसी स्थायी समाधान का हिस्सा बने, न कि युद्ध को लंबा करने का कारण बने। हालांकि इस रोक का असर सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य हथियारों और गोला-बारूद पर पड़ेगा, जो यूक्रेन को भेजे जाने थे।
ट्रंप प्रशासन हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा – यूक्रेन
दूसरी तरफ यूक्रेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा है। यूक्रेन की संसदीय विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, “सहायता रोकना वास्तव में गंभीर संकट खड़ा कर सकता है। ऐसा लग रहा है कि ट्रंप प्रशासन हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा है।
यूक्रेन ने दिया करारा जवाब
वही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस फैसले पर संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”यूक्रेन युद्ध को जितनी जल्दी हो सके समाप्त करना चाहता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम बिना मजबूत सुरक्षा गारंटी के रूस के सामने झुक जाएंगे। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में सुरक्षा गारंटी की कमी के कारण ही रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था।
डेमोक्रेट्स का तीखा हमला
अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने इस कदम को “गैरकानूनी और खतरनाक” बताया है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के प्रमुख, डेमोक्रेट सांसद ग्रेगरी मीक्स ने कहा, “मेरे रिपब्लिकन सहयोगियों ने पुतिन को ‘युद्ध अपराधी’ कहा है। यूक्रेन को समर्थन देने की कसम खाई थी। अब उन्हें इस विनाशकारी और गैरकानूनी रोक को हटाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप पर दबाव बनाना चाहिए।”
ट्रंप ने जेलेंस्की को दी चेतावनी
ट्रंप ने अपने बयान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर भी निशाना साधते हुए कहा, “यूक्रेन को अमेरिका से मिली मदद के लिए अधिक आभारी होना चाहिए। अगर जेलेंस्की ने मॉस्को के साथ कोई समझौता नहीं किया, तो वह ज्यादा लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह पाएंगे।”
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