आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) असाधारण प्रतिभा के धनी थे. वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री होने के साथ तमाम विषयों के ज्ञाता थे. उन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष (Struggle) किया. लेकिन अपने संघर्ष को उन्होंने अपनी ताकत बनाया और समय के साथ खुद को मजबूत करते रहे. आचार्य ने अपने जीवन में अनेक रचनाएं कीं. उन रचनाओं में लिखी बातें आज के समय में भी सटीक साबित होती हैं. यही वजह है कि आज के समय में भी आचार्य को बेहतरीन लाइफकोच के तौर पर देखा जाता है. अगर आपके जीवन में भी तमाम समस्याएं हैं, या किसी कारणवश आप सही और गलत के बीच फर्क नहीं कर पा रहे हैं, तो चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में लिखीं 4 बातें आपके लिए मददगार हो सकती हैं.
सही गलत का फर्क बताती हैं चाणक्य नीति की ये 4 बातें
1. लोग कहते हैं कि दुख बांटने से कम हो जाता है. लेकिन आचार्य चाणक्य का मानना था कि दुख को कभी किसी से साझा नहीं करना चाहिए क्योंकि कोई कभी आपका दुख कम नहीं कर पाता. बल्कि मौका पड़ने पर आपका लाभ उठाता है या आपका मजाक बनाता है. ज्यादातर लोग आपको मौके पर सांत्वना जरूर देंगे, लेकिन कुछ ही समय में आपका सारा दुख भूल जाएंगे. आपके दुख का जो असर आप पर है, वो कभी दूसरे पर नहीं होता. इसलिए अपने दुख को खुद तक ही सीमित रखें.
2. पति-पत्नी का रिश्ता प्रेम का होता है. दोनों को जीवन की हर परिस्थिति में एक दूसरे का पूरा साथ निभाना चाहिए. लेकिन अगर आपका जीवनसाथी हमेशा गुस्से में रहता है, सही व्यवहार नहीं करता, उसके चेहरे पर घृणा का भाव दिखाई देता है, तो ऐसा जीवनसाथी परिवार में हमेशा अलगाव, दुख, क्लेश की वजह बन जाता है. उसके साथ रहने वाले व्यक्ति की तरक्की रुक जाती है. ऐसे रिश्ते से दूरी बना लेना ही बेहतर है.
3. आचार्य चाणक्य का मानना था कि अपने परिवार की कोई बात किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं कहना चाहिए. ऐसे में आप अपने घर की सीक्रेट बातें लोगों से शेयर कर बैठते हैं. मौका पड़ने पर बाहरी लोग आपकी इन स्थितियों का लाभ उठाकर आपके घर में ही समस्या पैदा करते हैं.
4. आचार्य चाणक्य के मुताबिक इंसान को समाज में वो काम करने चाहिए जिससे उसका समाज में मान सम्मान और यश बढ़े. सम्मान व्यक्ति का गहना होता है, जो वो अच्छे कार्य करके भी प्राप्त कर सकता है. इसे हमेशा संभालकर रखना चाहिए.
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