Saturday, August 2, 2025
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तालिबान संकट: सरकार गठन की प्रक्रिया समाप्त! तालिबान की अतिथि सूची में भारत को छोड़कर चीन-पाकिस्तान-रूस शामिल

डिजिटल डेस्क : प्रतिरोध की दीवार ढह गई है। तालिबान के कब्जे में मशहूर मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद का औसत पांच है। तालिबान ने घोषणा की कि ‘लॉयन वैली’ की जीत के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान, चीन, रूस, कतर, तुर्की और ईरान को नई सरकार में आमंत्रित किया गया है। भारत अभी भी तालिबान की आमंत्रण सूची में नहीं है।

जबीउल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “युद्ध खत्म हो गया है।” अफगानिस्तान का अंतिम प्रांत पंजशीर अब हमारे नियंत्रण में है। हमें उम्मीद है कि इस बार देश में शांति और स्थिरता लौट आएगी। हथियार उठाने वाले जनता और देश के दुश्मन हैं। लोगों को यह याद रखना चाहिए कि हमलावर कभी देश नहीं बनाएंगे। यही हमारा काम है, और हमें इसे करना ही चाहिए।” मुजाहिद ने संवाददाताओं से कहा, “कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात के विशेषज्ञों की एक टीम काम कर रही है।” काबुल एयरपोर्ट पर सेवा जल्द शुरू होगी।”

गौरतलब है कि भारतीय राजदूत ने कुछ दिन पहले तालिबान के साथ अपनी पहली औपचारिक बैठक दोहा में की थी। इसके अलावा, कुछ दिन पहले, तालिबान सरकार के संभावित विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने कहा था कि वे भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता है। उसके बाद पाकिस्तान के कहने पर तालिबान ने अपना इरादा बदल लिया। जिहादी समूह के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर के कार्यालय में एक साक्षात्कार में कहा कि कश्मीर में मुसलमानों के पक्ष में बोलना उनका अधिकार है। वे न केवल भारत में बल्कि विभिन्न देशों में भी मुसलमानों से बात कर सकते हैं।

भारत ने 1996 की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी। इस बार तालिबान ने आरजेओ से अपनी स्थिति नई दिल्ली में बदलने को कहा है। हालांकि, केंद्र अभी भी ‘धीमा’ नीति के साथ पानी की माप कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान, चीन, रूस, कतर, तुर्की और ईरान को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन भारत का नाम छूट गया। और इसके साथ ही रक्षा विश्लेषकों को सिंदूर के बादल दिखाई दे रहे हैं।

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