गोरखपुर :गोरखपुर जिलाधिकारी द्वारा कराए गए स्टिंग के मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद 12 आरोपीयों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. अधिकारी और कर्मचारी के साथ कुल 12 आरोपी पर मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसमें तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. आज सीओ कैंट के नेतृत्व में फॉरेंसिक टीम के साथ भारी पुलिस फोर्स रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची, जहां लगभग डेढ़ घंटे छापे की कार्रवाई और पूछताछ के दौरान दस्तावेज खगाले गए. इस दौरान किसी भी व्यक्ति और मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. पूरी कार्रवाई के बाद रजिस्ट्री कराने आए लोगों को अंदर जाने दिया गया.
एसएसपी ने कहा
पिछले कुछ दिन पहले इस मामले में निबन्धन कार्यालय मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बाकी आरोपियों की पुलिस को तलाश है. इस मामले पर डीएम पूरी सख्ती दिखाते नजर आ रहे है. एसएसपी ने बताया है कि अगर सभी दोषी सरेंडर नहीं किए तो उनके मकान की कुर्की होगी और उन पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी. निबंधन कार्यालय पर छापा प्रकरण के बारे में मीडिया से बात करते हुए गोरखपुर एसएसपी ने बताया कि पिछले दिनों जिलाधिकारी के आदेश के द्वारा स्टिंग कराए जाने में लगभग 12 लोग दोषी पाए गए हैं. इसमें निबंधन कार्यायल में हुए मुकदमे में 2 आरोपी और अर्टियो कार्यालय में हुए मुकदमे में 1 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. कुल तीनो आरोपियों को गिरफ्तारी कर जेल भेज दिया गया है .
Read More : महंगाई की चपेट में आम लोग, सीएनजी के दाम 2.5 रुपए किलो बढ़े, पीएनजीओ के दाम
आपको बता दें जिलाधिकारी गोरखपुर विजय किरण आनंद के आदेश पर तहसीलदार सदर ने रविवार की रात कैंट व शाहपुर थाने में रजिस्ट्री और आरटीओ के अधिकारियों कर्मचारियों बिचौलियों पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. कैंट पुलिस रजिस्ट्री कार्यालय में काम करने वाले दो बिचौलिए और शाहपुर पुलिस ने आरटीओ कार्यालय की होमगार्ड को सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अभी भी कई आरोपी फरार चल रहे हैं जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस उनके घर और रिश्तेदारों और करीबियों की आंख छापेमारी कर रही है. आपको बता दें उप निबंधन के के त्रिपाठी समेत अन्य आरोपियों पर मुकदमा दर्ज होने की भनक लगते ही घर छोड़कर फरार हो गए है. पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है.