Monday, December 23, 2024
Homeउत्तर प्रदेशसीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और अफसरों को दिए कड़े निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और अफसरों को दिए कड़े निर्देश

डिजिटल डेस्क :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों सूबे में ताबड़तोड़ गुड गवर्नेंस साबित करने वाले फैसले ले रहे हैं. अब उन्होंने दो ऐसे आदेश जारी कर दिए हैं जो उनके मंत्रियों की आरामतलबी और सरकारी अफसरों की लापरवाही पर लगाम लगाने वाली है.सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के साथ ही यह स्पष्ट निर्देश दे दिए थे कि वे किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को कहा लंच यानी दोपहर के खाने का समय आधा घंटा निर्धारित कर दिया था.

दरअसल, लंच के नाम पर पहले सरकारी अधिकारी अपना काम छोड़कर इधर-उधर घूमते रहते थे. ऐसे में सरकारी विभाग में अपने काम के निस्तारण के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था. अब इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो और आदेश जारी कर दिया है. ये दोनों ही आदेश प्रदेश में लागू नागरिक प्रथम की भावना को साकार करने में बड़ा योगदान देगा.

बैठक में किया स्पष्ट

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को की टीम-9 की बैठक में अफसरों को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि अब अफसर लेटलतीफी करेंगे तो नपेंगे. उन्होंने कोरोना मामलों की होने वाली समीक्षा बैठक में कहा कि आमजन की शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेते हुए निस्तारण किया जाए. हर कार्यालय में सिटीजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू किया जाए. किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिनों से अधिक लंबित न रहे. देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी. शासकीय कार्यालयों में हर अधिकारी व कर्मचारी की समय से उपस्थिति होनी सुनिश्चित की जाए. लेटलतीफी कतई स्वीकार नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सतत औचक निरीक्षण कर लापरवाह एवं लेटलतीफ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए.

Read more : कर्नाटक में येदियुरप्पा का बयान, ‘मुस्लिमों को शांति से जीने दो’

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही अपनी सरकार के मंत्रियों की आरामतलबी पर भी अनुशासन का चाबुक चला दिया है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि मंत्री जब भी किसी जनपद में दौरे पर जाएं तो वे महंगे प्राइवेट होटलों में न ठहरें. वे सरकारी गेस्ट हाउस में भी ठहरें. आंकड़े बताते हैं कि मंत्रियों के प्राइवेट होटलों में ठहरने के कारण सरकारी राजस्व पर करीब 100 करोड़ रुपए का मासिक अतिरिक्त बोझ आता है. इस फिजूलखर्ची को कम करने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments