Sunday, October 12, 2025
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जेल से बाहर आते ही सपा नेता आजम खान को वापस मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की सुरक्षा को बहाल कर दिया गया है। अब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उनकी सुरक्षा में तैनात गार्ड और गनर उनके पास भेज दिए गए हैं। सपा नेता आजम खान को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन कोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म हो गई थी। इसके चलते उनकी सुरक्षा को वापस ले लिया गया था। मगर बाद में उनकी सुरक्षा को बहाल कर दिया था। इस बीच वह सीतापुर जेल गए। उनके जेल जाने के बाद सुरक्षा को वापस बुलाया गया था।

जेल से आने पर पहले दिन वापस कर दी थी सुरक्षा

23 माह बाद जेल से जमानत पर बाहर आए सपा नेता आजम खान को पहले ही दिन पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए जवानों को भेजा गया था। लेकिन उस समय आजम खान ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। उनके घर पहुंचे गार्ड और गनर को वापस पुलिस लाइन भेज दिया था। लेकिन अब फिर एक बार उनको सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने सपा नेता आजम खान पर जुल्म किए हैं। यह जुल्म लोकतांत्रिक व्यवस्था पर धब्बा हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट किया कि उनकी आजम खां से मुलाकात राजनीतिक उद्देश्य से नहीं बल्कि औपचारिक और आदरभाव से हुई है।

23 माह बाद आजम जेल से आए बाहर 

अब 23 माह बाद आजम खान जेल से जमानत पर बाहर आ गए हैं। उनके जेल से आने के बाद से ही घर पर मिलने वालों को आना लगातार जारी है। इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उनको मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा को भी वापस कर दिया है। आरआई विनोद कुमार ने बताया कि आजम खान की वाई श्रेणी की सुरक्षा को शुक्रवार शाम को ही वापस कर दिया गया था। शनिवार से गार्ड और गनर उनके पास भेज दिए गए हैं।

आजम खान से मिले स्वामी प्रसाद मौर्य

शनिवार दोपहर स्वामी प्रसाद मौर्य की आजम खान से करीब दो घंटे तक मुलाकात चली। इसके बाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में हत्या,दहेज हत्या, महिला उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न और अन्य अपराधों में नंबर एक है। 2027 में भाजपा को हटाने के लिए उनकी जनता पार्टी यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। स्वामी प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर आजम पर मुर्गी- बकरी चोरी जैसे आरोप लगाकर उनके पूरे परिवार को सालों-साल तक प्रताड़ित किया। ऐसा अत्याचार तो आपातकाल (इमरजेंसी) में भी किसी के साथ नहीं हुआ था।

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