Friday, October 10, 2025
Homeसिनेमा‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' विवाद, समीर वानखेड़े ने शाहरुख पर लगाए आरोप

‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ विवाद, समीर वानखेड़े ने शाहरुख पर लगाए आरोप

आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने मानहानि का मुकदमा माननीय दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया है। यह याचिका स्थायी एवं अनिवार्य निषेधाज्ञा, घोषणा और हर्जाने की मांग से संबंधित है। मुकदमा अभिनेता शाहरुख़ खान और गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट प्रा. लि., ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स और अन्य पक्षों के खिलाफ दायर किया गया है।

2 करोड़ रुपये हर्जाने की हुई मांग

मुकदमे में आरोप है कि यह सीरीज, रेड चिलीज़ द्वारा निर्मित और नेटफ्लिक्स द्वारा प्रसारित की गई है। साथ ही कहा गया कि ये समीर वानखेड़े की छवि को झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक तरीके से प्रस्तुत करती है। इस शो में नशीली दवाओं के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भ्रामक और नकारात्मक रूप में दिखाया गया है, जिससे जनता का कानून व्यवस्था पर से विश्वास कमजोर होता है।

वही साथ ही सीरीज़ की सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के भी विपरीत है। क्योंकि इसमें अश्लील और आपत्तिजनक प्रस्तुति के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया है। इस याचिका में 2 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की गई है। जिसे टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में कैंसर रोगियों के इलाज हेतु दान करने की बात कही गई है।

क्या है समीर वानखेड़े का दावा

विशेष रूप से मुकदमे में बताया गया है कि इस सीरीज की अवधारणा और क्रियान्वयन जानबूझकर समीर वानखेड़े की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है, जबकि समीर वानखेड़े और अभिनेता आर्यन खान से जुड़ा मामला बॉम्बे उच्च न्यायालय और एनडीपीएस विशेष न्यायालय, मुंबई के समक्ष लंबित है। मुकदमे में यह भी उल्लेख किया गया है कि सीरीज में एक पात्र ने “सत्यमेव जयते” के नारे के बाद अश्लील इशारा किया है, जिसमें बीच वाली उंगली दिखाई गई है। ह कृत्य राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 का गंभीर उल्लंघन है, जिसके लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप – समीर वानखेड़े

इसके अतिरिक्त इस सीरीज के कंटेंट को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करती है क्योंकि यह अश्लीलता और आपत्तिजनक सामग्री के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। मुकदमे में यह भी मांग की गई है कि इस मामले के संबंध में टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को ₹2 करोड़ का दान दिया जाए, जो कैंसर रोगियों के इलाज के लिए काम करता है।

Read More :  इरफान सोलंकी को राहत, गैंगस्टर केस में भी हाईकोर्ट से मिली जमानत

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments