जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे पूरा देश हैरान है। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखी चिट्ठी में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। जगदीप धनखड़ अब जल्द ही उपराष्ट्रपति भवन खाली करेंगे। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि धनखड़ सरकारी बंगले के हकदार हैं।
टाइप-8 कैटेगरी का सरकारी बंगला होगा अलॉट
जगदीप धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हो गए थे। करीब 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद अब उन्हें उपराष्ट्रपति हाउस छोड़ना होगा। एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप आठ का बंगला देने की पेशकश की जाएगी। टाइप-8 का बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है।
इस्तीफे के बाद सामान पैक करने लगे जगदीप धनखड़
जगदीप धनखड़ इस्तीफा देने से पहले सोमवार को अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। उन्होंने रात करीब 9:00 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। इसके आधे घंटे बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया। उसी दिन से उन्होंने उपराष्ट्रपति भवन को खाली करने के लिए सामान पैक करना शुरू कर दिया था। राष्ट्रपति ने एक दिन बाद मंगलवार को उनका इस्तीफा स्वीकार किया।
किसान पुत्र को सम्मानजनक विदाई नहीं दी जा रही
कांग्रेस ने कहा है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के पीछे स्वास्थ्य कारणों के अलावा कोई और अधिक गहरे कारण हैं। कई विपक्षी पार्टियों ने उनसे मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं मिला। जब से उन्होंने इस्तीफा दिया है तब से किसी राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात नहीं की है। जगदीप धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश करने वाले कई विपक्षी सांसद अब उनकी तारीफ कर रहे हैं। विपक्ष ने कहा कि किसान पुत्र को सम्मानजनक विदाई नहीं दी जा रही है।
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