अयोध्या : सौ बात की एक बात धरातल की घूसखोरी पर एक नज़र.प्रधानमंत्री आवास में जिम्मेदार ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के द्वारा 50000 रूपए लेने का मामला सामने आया है। जनपद के अमानीगंज विकासखंड क्षेत्र के ग्राम रेवली पोस्ट धरौली का ये मामला है। जहां गरीब परिवार को प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास मिला हुआ था जिसमें प्रधान प्रतिनिधि और ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से ₹50000 प्रार्थी से ऐड लिए गए हैं। जहां पर पीड़ित के द्वारा विकास खण्ड अधिकारी अमानीगंज को लिखित शिकायत पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित की दीवार बनकर तैयार हो गयी है लेकिन आवास पर आज तक छत नहीं पड़ पायी। वहीं पर पीड़ित परिवार से पत्रकारों के द्वारा जानकारी लेने पर बताया की ग्राम विकास अधिकारी अशीष कुमार मिश्रा के द्वारा ₹20000 की अवैध वसूली की गई । यही ही नहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय कुमार शुक्ला के द्वारा ₹15000 की वसूली व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के सहयोगी अयोध्या प्रसाद के द्वारा भी 15000 अवैध वसूली की गई।
विनोद कुमार पांडे से रो-रो कर पूरी बात बताई
जहां गरीब पीड़ित परिवार के द्वारा बताया गया कि अधिकारी के अवैध वसूली करने के बाद जब गरीब पीड़ित के पास पैसा नहीं बचा तो वह छत नहीं डलवा पाया। तो छत डलवाने के संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी अशीष कुमार मिश्रा ने पीड़ित के मोबाइल पर फोन करके अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बीस जूता मारने की बात कही तो गरीब महिला के द्वारा फोन काट दिया गया।
अपने पति विनोद कुमार पांडे से रो-रो कर पूरी बात बताई तो महिला के पति विनोद कुमार पांडे ने ग्राम विकास अधिकारी अशीष कुमार मिश्रा को फोन किया तो आशीष कुमार मिश्रा ने विनोद कुमार पांडे को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली और ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि हमारा तुम्हारे छत न पड़ने की वजह से 2 माह का पेमेंट रुका पड़ा है इतना कहते हुए बोले जहां से आपकी इच्छा हो वहां से छत डलवाओ जोकि पहले पीड़ित से भ्रष्ट अधिकारी एवं प्रधान प्रतिनिधि के द्वारा झांसा देकर ₹50000 की वसूली की गई।
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अब देखने की बात यह है कि खण्ड विकास अधिकारी को पीड़ित के द्वारा लिखित शिकायत की गई है। गरीब परिवार को किस प्रकार न्याय मिलता है यह सोचने का बिषय है । या भ्रष्ट ग्राम बिकास अधिकारी व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है । या भ्रष्टाचार में लिप्त होकर रफा दफा कर दिया जाता है।