जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शहर के अंजुमन इस्लामिया प्रांगण में आयोजित सभा में विपक्ष पर जमकर बयानबाजी की। इस दौरान वे कई बार आपा खोते हुए विवादित टिप्पणियां भी कर गए। उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में 25 से ज्यादा सीटें मिलती हैं। तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
कार्यक्रम में उलेमा और समुदाय के प्रमुख चेहरों को बुलाया गया, साथ ही विशेष टोपी का वितरण किया गया। मंच से भाषण के दौरान प्रशांत किशोर ने पैगम्बर मोहम्मद साहब और धर्म का हवाला देकर जनता से समर्थन मांगा। सभा में शामिल लोगों के लिए नाश्ते की भी व्यवस्था की गई थी, जहां भीड़ उमड़ने से अफरा-तफरी का माहौल दिखा। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें 500 रुपये और भोजन का वादा करके लाया गया था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। जिससे वे नाराज नजर आए।
विपक्षी दलों पर जमकर बरसे प्रशांत किशोर
मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर विपक्षी दलों पर खासे हमलावर दिखे। जब उनसे पूछा गया कि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने उन पर शराब माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है। तो पीके भड़क उठे, उन्होंने वर्मा की तुलना ‘सड़क पर चलने वाले कुत्ते’ से कर दी और कहा कि ऐसे लोगों की बातों का जवाब देना जरूरी नहीं समझते है। भाजपा सांसद संजय जायसवाल के लीगल नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है, तो वह शहर की ओर भागता है। उसी तरह जायसवाल जैसे लोग नोटिस भेजकर डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं 100 ऐसे नेताओं से भी नहीं डरूंगा।
25 से ज्यादा सीटें आई तो ले लूंगा सन्यास – प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने अपने बहुचर्चित दावे को दोहराते हुए कहा कि अगर जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में 25 से ज्यादा सीटें मिलती हैं। तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने तर्क दिया कि जैसे बंगाल चुनाव में भाजपा को 100 सीटें नहीं मिलीं, वैसे ही बिहार में जेडीयू 25 से आगे नहीं जाएगी।
मुस्लिम वोट बैंक को साधने में जुटे प्रशांत
सभा के दौरान कुछ लोगों ने कहा कि टोपी बांटकर और धर्म का हवाला देकर प्रशांत किशोर सीमांचल के मुस्लिम वोट बैंक को साधना चाहते हैं। लेकिन यहां का मतदाता किसी के झांसे में आने वाला नहीं है। कुल मिलाकर किशनगंज की यह सभा प्रशांत किशोर के लिए चर्चा और विवाद दोनों का कारण बनी। जहां उन्होंने जेडीयू और भाजपा नेताओं पर तीखे प्रहार किए। वहीं उनके कार्यक्रम की व्यवस्थाओं और रणनीति को लेकर भी सवाल उठे। यह साफ है कि बिहार की चुनावी सियासत में प्रशांत किशोर हर संभव दांव आजमाने की कोशिश कर रहे हैं।
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