डिजिटल डेस्क : पनामा पेपर्स के लीक होने से पाकिस्तानी राजनीति में खलबली मच गई है। इस सूची में 700 पाकिस्तानी शामिल हैं। इस सूची में इमरान खान सरकार के कई मंत्रियों के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। इनमें जल संसाधन मंत्री मुनीस इलाही, उद्योग मंत्री खुसरो बख्तियार, वित्त मंत्री शौकत तारिन और सांसद फैसल वावड़ा शामिल हैं। नेताओं के अलावा सेना के अधिकारियों के नाम भी सूची में शामिल हैं।
खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संघ के प्रकाशन के बाद विपक्षी समूहों ने सरकार के बहिष्कार का आह्वान किया। मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने भानुमती के लीक होने के बाद नवाज सरकार से इस्तीफे की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि पेंडोरा पेपर्स लीक में इमरान खान का नाम हो सकता है, क्योंकि उनका नाम पहले तोशखाना मामले में सामने आया था, इसलिए इमरान को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
सफाई कर रहे हैं इमरान खान
रिपोर्ट जारी होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम सूची में हैं, उनकी जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इमरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की है।
ICIJ ने लीक किया पनामा पेपर्स
2011 में, इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने पनामा पेपर्स को लीक किया था। तब दुनिया को पता चलेगा कि कैसे अमीर अपने काले धन को पनामा जैसे टैक्स हेवन में निवेश करते हैं। अब पनामा को लेकर पेंडोरा पेपर्स की जांच के दस्तावेज सामने आने लगे हैं। इन्हें भी आईसीआईजे ने तैयार किया है।
पनामा की प्रतिष्ठा में फिर लगी आग
मध्य अमेरिकी देश पनामा को टैक्स हेवन माना जाता है। यहां अमीर पैसे देकर नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। निवेश के नियम बहुत ही सरल हैं। पनामा पेपर्स ने भारत समेत दुनिया के सबसे अमीर लोगों के नाम लीक कर दिए।
पनामा सरकार ने एक पत्र जारी किया है
पनामा सरकार को डर था कि पेंडोरा पेपर्स दुनिया में उसकी छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। यही कारण है कि उन्होंने आईसीआईजे को एक कानूनी फर्म के माध्यम से पेपर न देने का आधिकारिक पत्र दिया है। पत्र में कहा गया है कि दस्तावेजों को जारी करने से पनामा के बारे में गलत धारणा पैदा होगी।
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कैसे हुई जांच?
ICIJ ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने दुनिया भर में 12 करोड़ दस्तावेजों की जांच की है। 117 देशों के 600 पत्रकारों ने जांच में हिस्सा लिया।
क्या था पनामा पेपर्स लीक कांड
यह विदेशी लीक की जांच का हिस्सा है और इसमें शामिल लगभग 2.2 मिलियन विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों का पता लगाने का प्रयास है। पनामा की कानूनी फर्म मोज़ेक फोन्सेका डेटा सेंटर से एकत्र की गई इस गोपनीय जानकारी को ‘पनामा पेपर्स’ कहा गया। Mosaic Fonseca की 1.15 करोड़ से ज्यादा फाइलें लीक हो चुकी हैं. फिर 1977 से लेकर 2015 के अंत तक की जानकारी दी गई।