डिजिटल डेस्क : भारत को तबाह करने का सपना देखने वाला पाकिस्तान अब दुनिया के 10 सबसे नफरत वाले देशों में से एक बन गया है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान विदेशों या संस्थानों से सबसे अधिक उधार लेने के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है।
कोरोना संक्रमण के बाद विश्व बैंक की रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए दुगनी भयावहता लेकर आई है। पाकिस्तान को अब विदेशों से कर्ज मिलना मुश्किल हो सकता है। ऋण सेवा निलंबन पहल (DSSI) के तहत पाकिस्तान को दिए गए सभी ऋणों को स्थगित किया जा सकता है।
क्या है DSSI, क्या होगा पाकिस्तान पर असर?
इस पहल के तहत गंभीर संकट में फंसे विकासशील देशों को दिए जाने वाले कर्ज को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसे डेबिट सर्विस सस्पेंशन इनिशिएटिव (DSSI) कहा जाता है। इस सूची में पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, इथियोपिया, घाना, केन्या, नाइजीरिया, मंगोलिया, उज्बेकिस्तान, अंगोला, जाम्बिया जैसे देश शामिल हैं।
2020 तक इन 10 देशों का संयुक्त कर्ज 509 अरब था। यह 2019 की तुलना में 10% अधिक है। इन 10 देशों ने दुनिया का 59 फीसदी कर्ज लिया है। अधिकांश संस्थानों ने अब इन देशों को उधार देने से इनकार कर दिया है। यही कारण है कि वे अब किसी भी ब्याज दर पर बड़ी संख्या में असुरक्षित ऋण लेते हैं। इसका एक उदाहरण पाकिस्तान है, जो सीपीईसी परियोजना के नाम पर लगातार चीन से कर्ज लेता है और उसके ब्याज के प्रतिशत का खुलासा कभी नहीं किया जाता है।
कर्ज माफी के लिए पाकिस्तान ने चीन से किया आवेदन
परेशान और दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने करीब चार महीने पहले चीन से अपना कर्ज माफ करने को कहा था, लेकिन चीन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इमरान खान सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत लिए गए 30 करोड़ (करीब 22,000 करोड़ रुपये) की छूट के लिए आवेदन किया था। पाकिस्तान चाहता है कि चीन कर्ज माफ करे और सीपीईसी परियोजना का पुनर्गठन करे।