Tuesday, September 16, 2025
Homeउत्तर प्रदेशमहाशिवरात्रि पर पार्थिव पूजन से पूरी होगी मनोकामना, जानें इसकी विधि और...

महाशिवरात्रि पर पार्थिव पूजन से पूरी होगी मनोकामना, जानें इसकी विधि और उपाय

देवों के देव महादेव (Mahadev) की पूजा के लिए महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का दिन सबसे शुभ और उत्तम माना गया है. यही कारण है कि शिव भक्त पूरे साल इसका इस महापर्व के आने का इंतजार करते हैं. ​महाशिवरात्रि तमाम तरह की मनोकामनाओं को शिव पूजन के माध्यम से पूरा करने का पर्व है. यही कारण है कि प्रत्येक शिव भक्त अपनी-अपनी कामनाओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर अलग-अलग प्रकार के शिवलिंग (Shivling) का अभिषेक और पूजन करता है. मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने पर शिव के साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है. आइए महाशिवरात्रि पर महादेव का वरदान दिलाने वाली पार्थिव पूजा (Parthiva Puja) का पूजा विधि और धार्मिक महत्व जानते हैं.

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व
सनातन परंपरा में भगवान शिव की जितने भी प्रकार से पूजा की विधियां बताई गई हैं, उनमें पार्थिव पूजा का अत्यंधिक महत्व है. शिव पुराण में भगवान शिव की साधना-आराधना में पार्थिव (मिट्‌टी) शिवलिंग पूजन को सभी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करने वाला बताया गया है. पार्थिव शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करने पर सुख-समृद्धि, धन-धान्य, आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि भगवान शिव से जुड़े पावन दिन, तिथि, काल और रात्रि में पार्थिव पूजन करने पर शिव साधक को कई गुना फल प्राप्त होता है. मान्यता यह भी है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से करोड़ों यज्ञों के समान फल मिलता है. ऐसे में भगवान शिव से जुड़े महापर्व यानि महाशिवरात्रि पार्थिव पूजन का फल और भी बढ़ जाता है.

रावण पर विजय पाने के लिए भगवान राम ने भी किया था पार्थिव पूजन
भगवान शिव के पार्थिव पूजन का महत्व इस तरह से भी समझा जा सकता है कि भगवान श्री राम (Lord Ram) ने भी रावण पर विजय पाने से पहले समुद्र तट पर भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष रूप से पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया था. मान्यता यह भी है कि नवग्रहों में से एक शनिदेव ने भी अपने पिता सूर्यदेव से ज्यादा शक्ति पाने के लिए काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर विशेष पूजा की थी.

Read More : घर में ना रखें तुलसी का ऐसा पौधा, तुरंत गुस्सा हो जाती हैं मां लक्ष्मी

पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि
पार्थिव शिवलिंग हमेशा स्नान-ध्यान करने के बाद किसी पवित्र मिट्टी जैसे गंगा, यमुना या फिर गोदावरी आदि नदी के किनारे से प्राप्त की गई मिट्टी से बनाया जाता है. किसी पवित्र नदी की मिट्टी को लाने के बाद सबसे पहले उसे छान करके शुद्ध कर लें और उसके बाद उसमें गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर शिवलिंग बनाएं. पार्थिव लिंग एक या दो तोला मिट्टी लेकर अंगूठे के बराबर हाथ से बनाया जाता है. पार्थिव शिवलिंग बनाते समय आपका मुह हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. पार्थिव शिवलिंग बनाते समय भगवान शिव के मंत्र का जाप करते रहें. पार्थिव शिवलिंग तैयार हो जाने के बाद सबसे पहले गणपति की पूजा करें उसके बाद भगवान विष्णु, नवग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करें. इसके बाद पार्थिव शिवलिंग की बेलपत्र, आक के फूल, धतूरा, बेल, कच्चे दूध आदि से पूजा करें.

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments