डिजिटल डेस्क : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सपा गठबंधन की जीत को लेकर ओपी राजभर के लंबे दावे 10 मार्च को आए नतीजों में धराशायी हो गए. गलती कहां गई? जनता की बात समझ नहीं पाए या जनता को अपनी बात नहीं समझा सके? आगे की रणनीति क्या है? इन्हीं सब सवालों की तलाश में आज राजभर पार्टी के बड़े नेताओं से मंथन कर रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभसपा) ने विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर जीत हासिल की है।
2022 के चुनाव की समीक्षा
सुभाष ने विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय बैठक बुलाई है. राजभर अधिकारियों के साथ बैठक में ओपी सीटवार समीक्षा करेंगे।ओमप्रकाश लखनऊ के चारबाग स्थित रवींद्रालय में हो रही बैठक में प्रदेश के सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 2022 के चुनाव की समीक्षा के साथ ही 2024 की रणनीति भी बनाई जाएगी. बताया जा रहा है कि राजभर सपा के साथ रहने या बीजेपी के साथ जाने के फायदे और नुकसान का भी आकलन कर सकते हैं.
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खामोश हैं राजभर
सुभासपा की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब ओमप्रकाश राजभर के एक बार फिर पाला बदलने और भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। माना जा रहा है कि राजभर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर अगले राजनीतिक कदम पर मंथन करेंगे. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजभर का रवैया काफी बदल गया है. नतीजों की घोषणा तक वह जिस तरह से बीजेपी के खिलाफ आक्रामक थे, वह अब काफी नरम हो गया है. हर रोज बीजेपी के शब्दों का इस्तेमाल करने वाले ओमप्रकाश राजभर अब खामोश हैं.