Sunday, September 8, 2024
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अतीक अहमद और उसके बेटे उमर को राहत नहीं, एक और मामले में आरोप तय

लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण करने और देवरिया जेल में लाकर मारपीट करने, रंगदारी वसूलने के मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर अहमद समेत अन्य आरोपियों पर स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। इन सभी के खिलाफ जालसाजी, रंगदारी मांगने, लूट, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश की धाराओं समेत गंभीर 364a में आरोप तय हुए हैं।

आईपीसी 364a में मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है। अब मुकदमा ट्रायल पर आ गया है, मामले में जल्द गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी। पुलिस उमर को कोर्ट में पेशी के बाद कड़ी सुरक्षा में लखनऊ जेल ले गई। वहीं अतीक अहमदाबाद की साबरमती जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेश हुआ।

मोहित जायसवाल के साथ क्या हुआ था ?

लखनऊ निवासी रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने 29 दिसंबर, 2018 को एक एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर से मोहित का अपहरण करा लिया। तंमचे के बल पर उन्हें देवरिया जेल ले जाया गया, जहां पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद ने मोहित को एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा।

उन्होंने दस्तखत करने से इनकार किया तो, अतीक ने अपने बेटे उमर व गुर्गों गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उन्हें बंदूक की बट और लोहे की राड से बेतहाशा पीटा था। उसके बाद जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर बनवाकर 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली थी।

अतीक पर दर्ज हो चुके हैं 101 मुकदमे

वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अतीक अहमद के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया।

अतीक के भाई अशरफ की नहीं हो पाई पेशी

वहीं बरेली जेल में बंद माफिया डॉन अतीक अहमद के भाई अशरफ की भी जेल में अवैध तरीके से मुलाकात मामले में बरेली के ही कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन उसकी तबियत खराब हो गई। कोर्ट ले जाने की प्रक्रिया के दौरान अशरफ का मेडिकल हुआ। इस दौरान अशरफ का बीपी लो पाया गया। बीपी लो होने की वजह से उसे आज कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका । तबीयत खराब होने के चलते अशरफ को कोर्ट ले जाने के लिए आई पुलिस वापस लौट गई।

एनएसए भी लगाया जा चुका है अतीक अहमद पर

1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।

तिहाड़ जेल में शिफ्ट हो सकता है अतीक अहमद

उमेश पाल अपहरण केस में माफिया अतीक अहमद सश्रम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। खबर ये भी थी कि अतीक अहमद को अब साबरमती जेल से जल्द ही ट्रांसफर किया जा सकता है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उसकी जेल बदली जा सकती है। अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से हटाकर अब जल्द ही दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जा सकता है।

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