एस्ट्रो डेस्क : आचार्य चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य ने जीवन में बहुत संघर्ष किया है लेकिन परिस्थितियों के सामने कभी हार नहीं मानी। वह जीवन के अनुभव के साथ आगे बढ़ता रहता है। आचार्य ने ऐसे काम किए जिनके लिए उन्हें आज भी उनकी तेज बुद्धि और अनुभव के कारण याद किया जाता है। नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।
आचार्य ने अपने जीवन में जो कुछ हासिल किया है उसका सार उनकी रचना के माध्यम से लोगों के सामने आया है। आज भी, आचार्य की नैतिकता पर लिखी गई पुस्तक को जीवन प्रबंधन पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक माना जाता है। इसमें उन्होंने धन, संबंध, राजनीति, कूटनीति, समाज आदि सभी मुद्दों के बारे में लिखा है। आचार्य ने माता-पिता को बच्चों की परवरिश के बारे में भी सिखाया। उन व्यवहारों के बारे में जानें जो माता-पिता को अपने बच्चों को नहीं दिखाना चाहिए।
अनुशासन
बच्चों के सामने कभी भी अनुशासनहीनता न दिखाएं। याद रखें बच्चे मासूम होते हैं। उनके लिए उनके अभिभावक ही प्रथम पाठशाला होते हैं। वे वही सीखते हैं जो उनके माता-पिता उनके सामने रखते हैं। अगर आप बच्चों के सामने अनुशासनहीनता की मिसाल रखेंगे तो बच्चे तानाशाह हो जाएंगे और इसका खामियाजा आपको भविष्य में भुगतना पड़ेगा।
झूठ
कई बार माता-पिता अपने बच्चों से सब कुछ छिपाने के लिए झूठ बोलने को कहते हैं। लेकिन एक बार जब बच्चा झूठ बोलना सीख जाता है, तो वह भविष्य में हमेशा झूठ का सहारा लेगा। आपसे भी झूठ बोलेंगे आप भी खुद को शर्मनाक स्थिति में पा सकते हैं। इसलिए झूठ न बोलें और न ही बच्चों को बोलने दें।
असंगत व्यवहार
बच्चों के सामने कभी भी गलत शब्दों का प्रयोग न करें। ये शब्द आप किसी भी स्थिति में कहें, लेकिन बच्चे आपकी स्थिति को नहीं समझेंगे, वे बस आपकी बातों का पालन करेंगे और वही गलत शब्द बोलना सीखेंगे। इसलिए बच्चों के सामने कभी भी अनुचित व्यवहार न करें।
पत्नी का अपमान
कभी भी अपनी पत्नी का अपमान न करें और पत्नी को भी अपने पति का अपमान नहीं करना चाहिए। बच्चे भी अपने माता-पिता से रिश्तों की अहमियत सीखते हैं। अगर आप एक-दूसरे की इज्जत का ख्याल नहीं रखेंगे तो आपका बच्चा भी ऐसा ही करेगा। इसलिए हमेशा सभी रिश्तों का सम्मान करें।
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