Sunday, September 8, 2024
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अतीक-अशरफ अहमद हत्याकांड को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पुलिस हिरासत में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और प्रयागराज पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

वहीं माफिया अतीक अहमद की हत्या सहित कई एनकाउंटर की जांच के लिए स्वतंत्र आयोग गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सीजीआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को 24 अप्रैल को सुनवाई के लिए रखा है।

प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई। इस दौरान मौजूद उत्तर प्रदेश पुलिस के 18 जवान और अफसर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ साल से अपराधियों के खिलाफ लगातार सफल एनकाउंटर को अंजाम देने का दावा करने वाली यूपी पुलिस के भारी सुरक्षा बंदोबस्त को भेदते हुए तीन युवकों ने अतीक और उसके भाई को गोली मार दी।

अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद उठ रहे कई सवाल

मीडिया की मौजूदगी में हुई इस घटना को लाइव देखा गया। पुलिस तीनों आरोपियों को जिंदा पकड़ने में कामयाब रही। अब कहा जा रहा कि मुठभेड़ों के लिए मशहूर यूपी की पुलिस फोर्स आखिर अतीक और अशरफ पर हमला करने वालों को मौके पर ही मार गिराने में नाकाम क्यों रही ?

उत्तर प्रदेश के एक रिटायर सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि ये सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि पुलिस को समय नहीं मिला। वहीं एक एक दूसरे रिटायर आईपीएस अफसर ने कहा कि अगर तीनों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया होता, तो दोनों हत्याओं के पीछे की साजिश को उजागर करने का कोई रास्ता नहीं बचता।

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