एक्सपायर दवा मामले में नोटिस भेजेगा लोहिया अस्पताल

नोटिस

 लखनऊ : लोहिया संस्थान में डिप्टी सीएम द्वारा पकड़ी गई 2.4 लाख एक्सपायर दवाओं के मामले में अब संस्थान प्रशासन दवा कंपनियों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है। इस बड़ी लापरवाही को निरीक्षण के दौरान खुद डिप्टी सीएम ने उजागर किया था। अब संस्थान प्रशासन टेंडर के नियमों में भी संशोधन करने की बात कह रहा है। साथ ही एक्सपायर दवा की उठान न करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करने के साथ कार्रवाई की भी तैयारी है।

2017 से 2022 तक का ब्यौरा तलब

दरअसल गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लोहिया संस्थान का निरीक्षण किया था। मामले की जांच सचिव चिकित्सा शिक्षा डीएस प्रियदर्शी को सौंपी गई और 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने का कहां गया। शुक्रवार संस्थान प्रशासन ने दवा एक्सपायर से संबंधी दस्तावेज जांच कमेटी के सामने पेश किए। नियम और शर्तों को भी कमेटी से साझा किया। जांच कमेटी ने दवाओं की खरीद, खपत, एक्सपायरी का पूरा ब्योरा तलब किया है। यह ब्यौरा 2017 से 2022 तक का मांगा गया है।

संस्थान ने बचाव में दी ये सफाई

लोहिया संस्थान के मीडिया सेल की तरफ से शुक्रवार रात में एक्सपायर दवाओं के मामले में बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि लोहिया संस्थान में पीजीआई की तर्ज पर HRF यानी हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत दवाओं की खरीद-फरोख्त हो रही है। मरीजों को बाजार से सस्ती दर पर दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। तीन माह पहले ही एक्सपायरी दवाओं की सूचना कंपनी को दे दी जाती है।

दोषियों के खिलाफ नोटिस भेजेगा जायेगा

इसके बाद कंपनी दवाएं वापस ले लेती हैं। वापस की गई दवाओं का मूल्य अगले आर्डर में कम किया जाता है। संस्थान का दावा है कि कंपनियों को एक्सपायर दवा वापस ले जाने के लिए कहा जा रहा है। पर एक्सपायर दवाएं नहीं ले जा रही हैं। अब ऐसी कंपनियों की पहचान कर नोटिस थमाई जाएगी। अभी एक्सपायर दवा और उपकरणों को नष्ट करने के लिए लोहिया संस्थान में कोई प्रावधान नहीं है। आगे इस दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे।

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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के मुताबिक इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट 3 दिन में देने को कहा गया है। मामला गंभीर है और बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। दोषियों के खिलाफ एक्शन भी होगा।