डिजिटल डेस्क : लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर तलवार लटकी है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे की जमानत के खिलाफ दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 11 तारीख को सुनवाई करेगा. ऐसे में अगर आशीष मिश्रा की जमानत कोर्ट से खारिज होती है तो उन्हें दोबारा जेल जाना होगा. लखीमपुर की घटना में कार की चपेट में आने से 4 किसानों की मौत हो गई. इस घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया, लेकिन पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह बाहर आ गए।
4 किसानों को एक कार से कुचलने के बाद हिंसा भड़क गई और फिर 4 और लोगों की मौत हो गई। इस तरह लखीमपुर हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई. आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ वकील प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को अर्जी दाखिल की। उन्होंने कहा कि अन्य अभी भी इस मामले में जमानत के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आशीष मिश्रा को राहत दी गई है. इस अर्जी पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई हो सकती है. उस दिन अन्य जज भी उपलब्ध होंगे. प्रशांत भूम ने कहा कि आशीष मिश्रा को जमानत देते समय हाईकोर्ट ने इस बात की अनदेखी की है कि उनके बाहर आने पर सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है.
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इसके साथ ही प्रशांत भूषण ने कोर्ट से मांग की कि वह हाईकोर्ट को आदेश दे कि वह अन्य आरोपियों की भी जमानत अर्जी पर विचार न करे. इस पर पीठ ने कहा कि आप हाई कोर्ट में यह मेमो दाखिल करें कि हम आपकी अर्जी पर 11 मार्च को सुनवाई करने जा रहे हैं. घटना में मारे गए तीन किसानों के परिवारों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अर्जी दाखिल की है. गौरतलब है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई इस घटना के बाद पूरे देश में सियासत गरमा गई थी और यूपी की योगी सरकार बैकफुट पर आ गई थी. इतना ही नहीं यूपी चुनाव में भी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया था।