हावड़ा : कोलकाता में हुई सिंगर के. के. की मौत के बाद हर कोई स्तब्ध है। ऐसे में मंगवार को केके के साथ क्या हुआ था, इस बारे में उनके आखिरी लाइव शो कार्यक्रम में इंचार्ज सुदीप्त मित्रा और शिल्पी मित्रा ने बुधवार को बात की। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कार्यक्रम के बाद जब हॉल से निकले तो केके की क्या हालत थी? हावड़ा के इच्छापुर के बटतल्ला के रहने वाले इस जोड़े ने कलाकार केके के साथ बिताए पलों को याद किया। उन्होंने केके के साथ समय बिताने का अनुभव भी साझा किया। शिल्पी के अनुसार, वह और उनके पति दोनों केके के प्रशंसक हैं। केके को परफॉर्म करते देख वो काफी एक्साइटेड थे। शिल्पी ने कहा कि मेरी बेटी सुबह से बहुत उत्साहित है। सामने से मैंने बिल्कुल अलग तरह से केके को देखा। उन्हें एक मंच पर इतने करीब से देखने का अनुभव अवर्णनीय है।
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कार्यक्रम में क्या हुआ था उस रात
नजरूल मंच पर स्थिति के बारे में बात करते हुए शिल्पी और उनके पति कहते हैं कि कोलकाता में बहुत गर्मी थी। नजरूल मंच पर भी कई लोग थे। उसके बाद भी उन्होंने सबके अनुरोध पर गाया। उनमें इतनी ऊर्जा थी कि वह मंच पर कूद कूद कर परफॉर्म कर रहे थे। उनका आखिरी गाना था, हम रहें या न रहें कल। सुदीप्त के शब्दों में, मंगलार का शो संयोग से केके का आखिरी शो था और उनके साथ हमारा पहला शो था। उन्होंने केके से ग्रीन रूम में बात की। उन्होंने बस अपने गीतों की सूची दिखाई। उन्होंने मंच पर उन गीतों को गाया। वहां भी वह ठीक थे। उन्होंने अपने हाथ से कुर्सी लाई और हमें बैठने दिया। इतने कम समय में उन्होंने जो ईमानदारी दिखाई, वह अकल्पनीय है।
मुझे आज की वे घटनाएँ बहुत अच्छी तरह याद हैं। हालांकि सेरेमनी के दौरान वह बार-बार पसीना पोंछ रहे थे। उन्हें गाने में भी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने कहा कि भी उन्हें बहुत गर्मी लग रही है। इधर शिल्पी का दावा है कि केके शो के अंत में भी बहुत उत्साहित थे। समारोह के अंत में भी केके लोगों का अभिवादन करते हुए निकले। मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हुआ? वह शो के दौरान कभी स्टेज से बाहर नहीं गए। मंच पर एलईडी लाइटें जल रही थीं। हॉल में तापमान बढ़ गया था। वैसे भी जो स्टेज पर परफॉर्म करते हैं, उन्हें पसीना आता ही है। ऐसे में इतनी गर्मी में किसी के लिए भी संभव नहीं है कि वह सहन कर पाये।